Savan 2023: सावन के छठे सोमवार को भगवान महाकाल के दर्शन को उमड़े श्रद्धालु, इस तरह हुई पूजा की शुरुआत
Mahakal News: मुंबई से महाकाल का आशीर्वाद लेने के लिए पहुंचे प्रताप सिंह ने बताया कि मंदिर में भीड़ काफी अधिक है. हालांकि भगवान महाकाल के दर्शन करने से सारी थकान उतर गई.
Ujjain News: उज्जैन के प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर में सावन माह के छठे सोमवार भगवान महाकाल की भस्म आरती से शिव आराधना का सिलसिला शुरू हुआ. भांग, चंदन, अबीर, गुलाल आदि से भगवान महाकाल का श्रृंगार किया गया. आज मंदिर में चार लाख से ज्यादा शिव भक्तों के आशीर्वाद लेने पहुंचने की संभावना है.
भस्म आरती से हुई शुरुआत
द्वादश ज्योतिर्लिंगों में तीसरे नंबर पर विराजित भगवान महाकालेश्वर के दरबार में सावन महोत्सव धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है. सावन माह के छठे सोमवार को भगवान महाकाल के कपाट खुलने के बाद पंडित और पुरोहितों ने मंत्रोच्चार के साथ भगवान का जल, दूध, दही, शहद, शक्कर, फलों के रस से अभिषेक किया. इसके बाद भगवान महाकाल का विधि विधान के साथ भांग, चंदन, अबीर, गुलाल आदि से श्रृंगार किया गया. भगवान महाकाल के दरबार में शिव भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है. महाकालेश्वर मंदिर समिति के प्रशासक संदीप सोनी के मुताबिक सोमवार को भगवान महाकाल की सवारी भी निकलेगी.महाकाल की सवारी के दर्शन करने के लिए भी बड़ी संख्या में शिव भक्त उज्जैन पहुंचे हैं. मंदिर समिति द्वारा अधिक से अधिक श्रद्धालुओं को दर्शन करने के उद्देश्य से व्यापक इंतजाम किए गए हैं.
क्या कहते हैं भक्त
कोलकाता से भगवान महाकाल का आशीर्वाद लेने के लिए पहुंची सुप्रिया सिंह ने बताया कि भस्म आरती में भगवान महाकाल के साक्षात दर्शन हो जाते हैं. उन्हें भस्म आरती में विधिवत अनुमति नहीं मिल पाई थी, लेकिन चलित भस्म आरती में उन्होंने अद्भुत दर्शन की भगवान महाकाल के सावन माह में दर्शन करने मात्र से सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. वे पिछले तीन साल से लगातार दर्शन करने के लिए आ रही हैं. मुंबई से महाकाल का आशीर्वाद लेने के लिए पहुंचे प्रताप सिंह ने बताया कि मंदिर में भीड़ काफी अधिक है. हालांकि भगवान महाकाल के दर्शन करने से सारी थकान उतर गई.
दिन भर होगा जल और दूध से अभिषेक
महाकालेश्वर मंदिर में आज दिनभर भगवान महाकाल का दूध और जल से अभिषेक चलता रहेगा.हालांकि भस्म आरती के बाद भोग आरती हुई. इसके बाद लगातार शयन कालीन आरती तक भगवान महाकाल की आराधना का सिलसिला जारी रहेगा.
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