Savan 2023: महाकाल के दरबार में लगी भक्तों की भारी भीड़, इस तरह हो रहे हैं आरती के दर्शन
Ujjain News: उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में सावन का महीना शुरू होते ही शिव भक्तों का अपार जनसमूह उमड़ रहा है. यहां पर आरती के दर्शन के लिए मंदिर समिति ने विशेष इंतजाम किए हैं.
Sawan 2023: सावन के महीने को देखते हुए महाकालेश्वर मंदिर में श्रद्धालुओं की आवागमन की व्यवस्था में परिवर्तन किया गया है. नई व्यवस्था को लेकर श्रद्धालुओं ने कई रोचक बातें बताई हैं. देशभर के लाखों श्रद्धालु सावन महीने में भगवान महाकाल के दर्शन के लिए रोज पहुंच रहे हैं. भगवान महाकाल के दर्शन कर भक्तों की सारी थकान दूर हो जा रही है. भगवान महाकाल के दर्शन कर भक्त खुद को धन्य समझ रहे हैं.
कहां कहां से आ रहे हैं महाकाल के भक्त
सावन का महीना शुरू होते ही गुजरात, महाराष्ट्र, दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, छत्तीसगढ़, राजस्थान आदि प्रदेशों से शिवभक्त भगवान महाकाल के दर्शन करने के लिए उज्जैन पहुंचे हैं. महाकालेश्वर मंदिर समिति के अध्यक्ष और कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने बताया कि सावन महीने में बड़ी संख्या में श्रद्धालु भस्मारती में सम्मिलित होना चाहते हैं, लेकिन सीमित स्थान होने की वजह से केवल 1500 श्रद्धालुओं को ही प्रवेश दिया जाता जा सकता है. इसी को देखते हुए भस्म आरती में भी चलित दर्शन की नई व्यवस्था की गई है. इसके जरिए अधिक से अधिक संख्या में श्रद्धालु अंतिम कतार में चलित दर्शन के माध्यम से भस्मा आरती में शामिल हो सकते हैं. इसके अलावा मंदिर के प्रमुख द्वार के समीप बड़ी स्क्रीन के माध्यम से भी श्रद्धालुओं को भस्म आरती के दर्शन कराए जा रहे हैं.
महादेव की भस्म आरती देखना सुखद अनुभूती
गुजरात से आईं प्रतिभा पटेल ने बताया कि भगवान महाकाल की भस्म आरती मिलना अत्यंत सुखद अनुभव है. भगवान महाकाल की भस्म आरती शामिल होने के लिए वे पूरे परिवार के साथ पहुंची हैं. उन्हें भस्मारती में दर्शन की विधि अनुमति नहीं मिल पाई थी, लेकिन चलित भस्म आरती दर्शन के जरिए उन्हें लाभ मिल गया. राजस्थान से आए कुलदीप सिंह ने बताया कि सावन के पहले दिन भगवान महाकाल की भस्म आरती शामिल होने का अवसर मिला. इसके लिए वे खुद को धन्य मानते हैं. श्रद्धालुओं ने मंदिर की नई व्यवस्था को लेकर संतोष जताया. उन्होंने कहा कि महादेव के दर्शन हो जाने से सारी थकान और परेशानी दूर हो जाती है.
महाकालेश्वर मंदिर में दिनभर होगा जलाभिषेक
महाकालेश्वर मंदिर में प्रमुख पांच आरतियों के अलावा दिनभर भगवान का जल अभिषेक होगा. संध्या कालीन आरती के पहले भगवान का आकर्षक श्रृंगार होगा. इसमें भांग, सूखे मेवे आदि का उपयोग किया जाएगा. इसके बाद संध्या कालीन आरती होगी. इस दौरान श्रद्धालुओं का लगातार प्रवेश चालू रहेगा. उम्मीद की जा रही है कि सावन के पहले दिन श्रद्धालुओं की संख्या में अधिक बढ़ोतरी भले ही न देखी जाए लेकिन जैसे जैसे सावन बीतता जाएगा वैसे-वैसे भक्तों की संख्या में इजाफा होता रहेगा. सावन के प्रत्येक सोमवार भगवान महाकाल की सवारी निकाली जाएगी. सावन के सोमवार को छोड़ छोड़कर प्रतिदिन ऐसी ही व्यवस्था रहेगी जबकि सावन के सोमवार भगवान महाकाल की भस्म आरती रात 2:30 बजे होगी.
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