Mahakal News: सावन मास के दूसरे सोमवार भगवान महाकाल के दरबार में उत्साह के साथ भस्म आरती से पूजा-अर्चना का दौर शुरू हो गया है.आज सोमवती अमावस्या का विशेष संयोग होने की वजह से बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर पहुंच रहे हैं.सोमवार को भगवान महाकाल पूजा-अर्चना के बाद नगर भ्रमण पर निकलेंगे. इसके लिए प्रशासन से सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए हैं.


किससे हुई पूजा-अर्चना की शुरुआत


द्वादश ज्योतिर्लिंगों में तीसरे नंबर पर विराजित भगवान महाकालेश्वर के दरबार में सबसे पहले भस्म आरती से पूजा अर्चना की शुरुआत होती है. महाकालेश्वर मंदिर में महानिर्वाणी अखाड़ा के बाद विनीत गिरि महाराज भस्म आरती करते हैं. महंत विनीत गिरी महाराज ने बताया कि सावन का महीना भगवान शिव का प्रिय रहता है. सावन के सोमवार को भगवान महाकाल की पूजा-अर्चना का विशेष फल मिलता है. महाकालेश्वर मंदिर में सबसे पहले भगवान को जल, दूध, फलों के रस से स्नान कराया गया. इसके बाद भांग, सूखे मेवे, चंदन आदि से भगवान का श्रृंगार हुआ. भगवान को कई प्रकार के सुगंधित इत्र भी लगाए गए. उन्होंने बताया कि सोमवार को सोमवती अमावस्या होने की वजह से भगवान महाकाल का आशीर्वाद का विशेष संयोग बन गया है.


सोमवार को महाकालेश्वर मंदिर में 3 लाख से ज्यादा श्रद्धालु के दर्शन करने पहुंचने की संभावना है.कोलकाता से उज्जैन पहुंची सुप्रिया चटर्जी ने बताया कि भगवान महाकाल की भस्म आरती में शामिल होने का अवसर सौभाग्यशाली शिव भक्तों को मिलता है.भगवान महाकाल की भस्म आरती के भव्यता का गुणगान करना शब्दों में संभव नहीं है.


राजाधिराज महाकाल निकलेंगे नगर भ्रमण पर  


सोमवार को भगवान महाकाल नगर भ्रमण पर निकलते हैं. भगवान महाकाल की सवारी सोमवार को महाकालेश्वर मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद निकलती है. सवारी महाकाल घाटी, चौबीस खंबा माता मंदिर होते हुए रामघाट पहुंचती है. जहां पर भगवान महाकाल का शिप्रा के जल से अभिषेक किया जाता है. इसके बाद सवारी फिर महाकालेश्वर मंदिर के लिए रवाना होती है. भगवान महाकाल की सवारी को लेकर भी उज्जैन में कड़े इंतजाम किए गए हैं. सावन के पहले सोमवार महाकालेश्वर मंदिर में दो लाख 70 हजार लोग दर्शन करने पहुंचे थे. इस बार आंकड़ा और भी ऊपर जाने की संभावना है.


दिन भर होगा जलाभिषेक


महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी आशीष गुरु ने बताएगी महाकालेश्वर मंदिर में सावन के दूसरे सोमवार दिन भर प्रतिदिन की तरह भगवान को जल अभिषेक किया जाएगा.इसके अलावा महाकालेश्वर मंदिर में की जाने वाली आरती अपने निर्धारित समय पर होगी. शाम को भगवान महाकाल 4:00 बजे नगर भ्रमण पर निकलेंगे संध्या कालीन आरती उस समय होगी. जब भगवान महाकाल की सवारी नगर भ्रमण करने के पश्चात मंदिर पहुंचेगी. 


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