Savitri Thakur News: 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' का नारा लिखने के दौरान केंद्रीय राज्य मंत्री सावित्री ठाकुर विपक्ष के निशाने पर आ गईं. दरअसल, सावित्री ठाकुर ने 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' लिखने के दौरान मात्राओं की गलती कर दी और उसे 'बेढी पड़ाओं बच्चाव' कर दिया. हालांकि जिम्मेदारों ने यह देखकर तुरंत उनका लिखा मिटा दिया लेकिन इस पूरी घटना का वीडियो कैमरे में कैद हो गया और तेजी से वायरल हुआ.


मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में धार लोकसभा सीट से जीतीं सावित्री ठाकुर अब केंद्र सरकार में राज्य मंत्री हैं. महिला बाल विकास राज्यमंत्री सावित्री ठाकुर बीते दिन धार में एक आयोजन में शामिल हुईं. स्कूल के पहले दिन 'स्कूल चलो अभियान' में अतिथि के तौर पर उन्हें बुलाया गया था. सावित्री ठाकुर यहां पहुंचीं और जागरूकता रथ पर स्केच पेन से 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' नारा लिखना चाहा, लेकिन उनसे स्लोगन लिखने में चूक हो गई. 




सावित्री ठाकुर के समर्थक और शिक्षा विभाग के जिम्मेदारों ने तुरंत इस पर संज्ञान लिया और उसे मिटा दिया लेकिन सब कुछ कैमरा में रिकॉर्ड हो रहा था. समाचार पत्रों में यह बात सुर्खियों में रही कि सावित्री ठाकुर ठीक से हिंदी भाषा भी नहीं लिख पाईं. हालांकि अपना अपना नजरिया है. कांग्रेस की ओर से जहां सावित्री ठाकुर का नाम लेकर बीजेपी पर तीखा हमला बोला गया तो वहीं बीजेपी की ओर से कांग्रेस को भी करारा जवाब दिया गया.


कांग्रेस-बीजेपी आमने-सामने
वीडियो वायरल हुआ तो विपक्ष के पास भी पहुंचा. इस मामले में मध्य प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख केके मिश्रा ने एक अपने एक्स अकाउंट पर समाचार पत्र की एक कटिंग शेयर करते हुए लिखा, 'इसे किसका दुर्भाग्य मानें, देश, प्रजातंत्र, लोकतंत्र, संविधान या हमारी शिक्षा नीति?"


वहीं, इस मामले में एमपी बीजेपी के प्रवक्ता डॉक्टर हितेश बाजपेयी ने केके मिश्रा को जवाब दिया और लिखा, "किन परिस्थितियों में आदिवासी बच्चियां कांग्रेस के शासन में पढ़ पाती थीं ये सोचिये. जो आपके राहुल नहीं कर पाए वो इस गरीब आदिवासी परिवार की बेटी ने कर दिखाया. न केवल 12वीं तक कठिन परिस्थितियों में और गरीबी में अपनी पढ़ाई की अपितू संघर्ष कर आज बीजेपी से देश की महिला बाल विकास मंत्री बनीं और कसम खाई कि वे उन सब बच्चियों और महिलाओं की मदद करेंगी जो कठिन जीवन जीती हैं."


इस मामले में केंद्रीय राज्य मंत्री सावित्री ठाकुर से बात नहीं हो सकी. उनकी व्यस्तताओं के कारण खबर लिखे जाने तक राज्यमंत्री की प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी है. 


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