Sawan 2023: 2500 फीट की ऊंचाई पर बसा बेहद रहस्यमयी है शिव का ये मंदिर, यहां रात में रुकने वाला नहीं देख पाता सुबह का सूरज
Khodenath Baba Mandir: खोडेनाथ बाबा के दर्शन के लिए भक्त 1065 सीढ़ियां चढ़ते हैं. यहां आस्था की हर एक सीढ़ी किसी श्रद्धालु ने बनवाई है. हर सीढ़ी पर किसी भक्त का नाम लिखा है.
Singrauli Shiva ka Kailash: भारत में ऐसी तमाम जगहें हैं, जहां के रहस्य आज तक सुलझ नहीं पाए हैं. इन रहस्यों के कारण ही ये जगहें खासा प्रसिद्ध हैं. ऐसे ही मध्य प्रदेश के सिंगरौली में स्थित 2500 फीट ऊंचे पर्वत पर विराजमान हैं खोडेनाथ शिव बाबा. उनका मंदिर इन्हीं जगहों में से एक है, जिसकी मिस्ट्री अभी तक अनसुलझी है.
ये मंदिर मध्य भारत के विंध्य क्षेत्र के उर्जाधानी नगरी सिंगरौली में स्थित है. राज्य के कोने-कोने से लोग इस मंदिर में घूमने के लिए आते हैं. मान्यता है कि इस पर्वत पर कोई भी रात या पूरे दिन नहीं रुक सकता. क्योंकि यहां मधुमक्खियां पहरेदारी करती हैं. लोग यहा आते हैं, बाबा को जलाभिषेक करते हैं, नारियल चढ़ाते हैं और वापस चले जाते हैं. रात में कोई भी इस जगह पर नहीं रुक सकता. ऐसी मान्यता है कि जो भी यहां रात्रि में रुकने की कोशिश करता है, वह सुबह सूर्य का दर्शन नहीं कर पाता, यानी उसकी मौत हो जाती है. क्योंकि यहां के पहरेदार भवरे किसी को भी रात में रुकने की इजाजत नही देते हैं.
बाबा के दर्शन के लिए चढ़नी होंगी 1065 सीढ़ियां
बरगवां सिंगरौली मुख्य मार्ग के कसर गांव के 2500 फीट ऊंची पहाड़ी पर विराजमान खोडेनाथ बाबा का दर्शन करने के लिये भक्त 1065 सीढ़ियां चढ़कर आते हैं. यहां आस्था और विश्वास की हर एक सीढ़ी किसी न किसी श्रद्धालु ने बनवाई है. हर सीढ़ी में किसी न किसी श्रद्धालु का नाम लिखा हुआ है और दो लेन सीढ़ी पर्वत पर चढ़ने के लिये बन चुकी हैं. यहां सावन के महीने में भक्तों का सैलाब उमड़ा रहता है. यहां बाबा को जलाभिषेक और उनके दर्शन के लिए हर भक्त आतुर रहता है. मान्यता है कि बाबा से जो भी मुराद मांगी जाती है वह पूरी हो जाती है.
क्या है खोडेनाथ बाबा मंदिर का इतिहास
कसर गांव की सबसे ऊंची पहाड़ी पर विराजमान खोडेनाथ बाबा का इतिहास 100 साल पुराना है. यहां के स्थानीय लोग बताते हैं कि बहुत पहले यहां घनघोर जंगल हुआ करता था. इसी जंगल के सबसे ऊंचे पहाड़ पर बड़े आकार में शिव बाबा की प्रतिमा दिखाई दी, जिसमें अद्भभुत आकृतियां बनी हुई थीं. धीरे-धीरे लोगों में पर्वत में चमत्कार की चर्चा शुरू हुई थी, जिससे आसपास के लोगों में यहं के प्रति आस्था बढ़ी. दूर दराज से लोग यहां बाबा के दर्शन के लिए आने लगे. उनकी मनोकामनाएं भी पूरी होने लगीं. इससे लोगों का विश्वास और भी अडिग होते चला गया.
डिस्क्लेमर: यह जानकारी भक्तों की मान्यताओं को किंवदंतियों पर आधारित है. एबीपी न्यूज इसकी पुष्टि नहीं करता.
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