Bhojpur Mandir Bhopal: श्रावण मास के पहले सोमवार के विशेष अवसर पर विश्व के सबसे बड़े शिवलिंग के दर्शन और पूजा-अर्चना के लिए भोजपुर में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा है. रायसेन जिले के भोजपुर में अल सुबह से श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है. ओम नमः: शिवाय के स्वर से भोजपुर मंदिर गूंज रहा है.
सावन माह के पहले सोमवार पर आज मंदिर को सतरंगी फूलों से सजाया गया है. मंदिर में श्रद्धालुओं के सैलाब को देखते हुए प्रशासन द्वारा चाक चौबंद व्यवस्थाएं की गई है. सीसीटीवी कैमरे से नजर रखी जा रही है, जबकि बड़ी संख्या पुलिस बल भी यहां तैनात है.
भोलेनाथ के दर्शन करने के लिए पहुंचे श्रद्धालु
रायसेन जिले में विश्व का सबसे बड़ा शिवलिंग है. राजधानी भोपाल से यह महज 25 किलोमीटर की दूरी पर है. प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी सावन माह के पहले सोमवार के विशेष मौके पर यहां श्रद्धालुओं का तांता उमड़ रहा है. भगवान भोलेनाथ के दर्शन करने के लिए अल सुबह से ही श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. बारिश के मौसम में यहां चारों तरफ हरियाली ही हरियाली नजर आ रही है, जिससे यहां का दृश्य हरा भरा नजर आ रहा है.
राजाभोज ने कराया था निर्माण
बताया जाता है कि भोजपुर मंदिर का निर्माण परमार वंश के राजा भोज द्वारा कराया गया था. ये मंदिर प्रकृति के बीच बना हुआ है, जहां से बेतवा नदी गुजरती है, उसी से सटे इस मंदिर निर्माण किया गया है. मंदिर बेतवा नदी के तट पर विंध्य पर्वत मालाओं के मध्य एक पहाड़ी पर स्थित है.
मंदिर में स्थित शिवलिंग की ऊंचाई 18 फीट है. खास बात यह है कि 40 फीट ऊंचाई वाले इसके चार स्तम्भ हैं. गर्भगृह की अधूरी बनी छत इन्हीं चार स्तंभों पर टिकी है. इसके अतिरिक्त भू विन्यास, स्तम्भ शिखर, कलश और चट्टानों की सतह पर आशुलेख की तरह उत्कीर्ण नहीं किए हैं.
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