Sawan 2024: आखिर भगवान महाकाल की सवारी के पहले ही क्यों बनाया गया डमरू का विश्व रिकॉर्ड? जानिए वजह
Damru Vadan In Ujjain: तीसरे सावन सोमवार पर भगवान महाकाल के दरबार में अलौकिक नजारा दिखाई दिया. कलाकारों ने विश्व रिकॉर्ड बनाया है.
Third Monday of Sawan: भगवान महाकाल की तीसरी सवारी से पहले ही उज्जैन में डमरू बजाने का विश्व रिकॉर्ड बनाया गया. इसके पीछे रोचक वजह सामने आई है. वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने वाली टीम भगवान महाकाल की सवारी के दौरान डमरू बजाने वाले कलाकारों को गिनने में पूरी तरह सफल नहीं हो पाती. इसलिए सवारी के पहले ही डमरू बजाने का वर्ल्ड रिकॉर्ड कायम कर लिया गया. धार्मिक नगरी उज्जैन में 1500 कलाकारों ने डमरू का आर्केस्ट्रा बजाकर विश्व रिकॉर्ड बनाया है.
महाकालेश्वर मंदिर समिति के अध्यक्ष और कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने बताया कि कभी भी सभी कलाकारों की काउंटिंग नहीं हो पाती है. इसलिए माना जा रहा है कि 1300 से ज्यादा डमरू वादकों ने रिकॉर्ड बनाकर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करवाया है. उज्जैन ने न्यूयॉर्क में बनाए गए 488 डमरू बजाने के रिकॉर्ड को तोड़ा है. हालांकि भगवान महाकाल की सवारी निकलने से पहले ही शक्ति पथ पर कलाकारों ने डमरू बजाकर विश्व रिकॉर्ड बनाया.
महाकाल की तीसरी सवारी से पहले बना विश्व रिकॉर्ड
इसके पीछे भी एक वजह सामने आ रही है. महाकालेश्वर मंदिर समिति के प्रशासक मृणाल मीणा का कहना है कि भगवान महाकाल की सवारी में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है. ऐसी स्थिति में डमरू बजाने वाले कलाकारों की संख्या गिनने में वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता. इसलिए सवारी के पहले ही डमरू बजाकर विश्व रिकॉर्ड बना लिया गया है. डमरू बजाने को लेकर उज्जैन का विश्व रिकॉर्ड में नाम दर्ज होने पर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने बधाई दी है.
डमरू बजाने वाले कलाकारों ने जताई काफी खुशी
विश्व रिकॉर्ड कायम होने पर कलाकारों ने भी काफी खुशी जताई है. उन्होंने कहा कि भगवान महाकाल के दरबार में डमरू बजाकर धन्य हो गए. डमरू बजाने वाले प्रतीक ने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज होने पर प्रसन्नता जताई. उन्होंने कहा कि रिकॉर्ड बनाने में उनकी हिस्सेदारी भी रही. इसके लिए खुद को गौरांवित महसूस कर रहे हैं.
ये भूी पढ़ें-
कृषि मंत्री शिवराज के दावे पर भड़के दिग्विजय सिंह, 'उन्हें झूठ बोलने की आदत...'