Indore News: भारतीय संस्कृति और हिंदू रिति-रिवाज के अनुसार श्रावण मास का अलग महत्व है. इस माह में भगवान शिव की आराधना और पूजा की जाती है. ऐसा कहा जाता है श्रावण मास में जो कोई भक्त भगवान शिव की आराधना और उनका पूजन करता है उसकी हर एक मनोकामना को भगवान शिव पूरा करते है. यही कारण है कि भारत वर्ष के श्रावण माह में भगवान शिव को मानने वाले भारतवासी भगवान शिव की आराधना में लीन रहते हैं. इस श्रावण माह के पवित्र महीने में इंदौर के गीता भवन पर स्थित शिव मंदिर में भगवान शिव की आराधना में लीन शिव भक्तों के द्वारा माला में पंच मुखी रुद्राक्षों को पिरोकर भगवान शिव की विशालकाय प्रतिमा इन्दौर ही नहीं बल्कि मध्यप्रदेश में पहली बार बनाई गई है. भगवान शिव की यह प्रतिमा 13 फीट ऊंची है. माना जाता है की पंच मुखी रुद्राक्ष भगवान शिव को सबसे ज्यादा प्रिय है
नेपाल से मंगवाए गए पंचमुखी रुद्राक्ष
मंदिर के पुजारी विजय भट्ट शास्त्री ने बताया कि श्रवण मास में पंचमुखी रुद्राक्ष नेपाल से मंगवाए गए हैं. भक्त इस अद्भुत के शिवलिंग का प्रतिदिन जलाभिषेक कर भगवान की अराधना और पूजा अर्चना कर रहे हैं. इस शिवलिंग के निर्माण में करीब 1.25 लाख रुद्राक्ष का उपयोग किया गया है. इसे बनाने में करीब 20 दिन लगें हैं जिसमें 50 शिवभक्तों द्वारा सेवाएं दी गई है. पंचमुखी रुद्राक्ष से बने इस अद्भुत भगवान के शिवलिंग का दर्शन करने के लिए प्रतिदिन सैकड़ों भक्तों का तांता मंदिर परिसर में लग रहा है. इसके साथ ही पंच मुखी रुद्राक्षों को मंत्र उच्चारण से सिद्ध कर मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को उनका निः शुल्क वितरण किया जा रहा है.
दर्शन कर लोगों को मिल रही शांति
वहीं आने वाले भक्तों का कहना है कि इस मन्दिर में आकर शिवलिंग के दर्शन कर आत्मा को शांति तो मिलती है. श्रावण मास के इस पूरे महीने में भक्त शिवलिंग की आराधना और पूजा अर्चना कर भगवान शिव को प्रसन्न करते हैं. तो वहीं देश भर में भगवान शिव के भक्तों के द्वारा इस पर्व को बड़ी धूम-धाम और हर्षों उल्लास के साथ मनाया जाता है.