Mahakal Mandir News: सावन के महीने में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कोई भक्त उनका फलों के रस से अभिषेक करता है तो कोई जल और कोई पंचामृत पूजन करता है, मगर धार्मिक नगरी उज्जैन में भक्त ने भगवान का रक्त अभिषेक किया. भक्त का कहना है कि वह रामायण का पाठ करता है और जिस प्रकार से रावण ने अपना शीश भगवान शिव को अर्पित कर दिया था, उसी तरह वह रक्त से अभिषेक कर भगवान शिव को प्रसन्न करना चाहता है.


उज्जैन के ढांचा भवन इलाके में रहने वाले रौनक गुर्जर ने बताया कि वह लंबे समय से भगवान श्री राम से प्रभावित होकर रामायण पढ़ रहे हैं. रामायण में उन्होंने रावण के शीश चढ़ाने के घटनाक्रम से प्रभावित होकर भगवान शिव को सावन के महीने में रक्त अभिषेक करने का मन बनाया. इसी के चलते पंडित और पुरोहितों द्वारा मंत्रोचार के साथ उन्होंने भगवान को रक्त अभिषेक किया. 


इस पूरा घटनाक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. वीडियो 4 मिनट 30 सेकंड का है. इस वीडियो में भगवान शिव को रोनक गुर्जर द्वारा रक्त से अभिषेक किया जा रहा है. वीडियो में साफतौर पर नजर आ रहा है कि रौनक गुर्जर का रक्तदान करने वाली नली के माध्यम से रक्त निकाला जा रहा है. यह वीडियो ढांचा भवन के ही एक शिव मंदिर का बताया जा रहा है. 


महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी ने दिया यह बयान
महाकालेश्वर मंदिर के राम गुरु बताते हैं कि भगवान शिव को तो भावनाओं के भूखे है. उन्हें जल सबसे ज्यादा प्रिय है. यदि कोई भी श्रद्धालु जल और दूध का अभिषेक कर देता है तो भगवान प्रसन्न हो जाते हैं. इस प्रकार से रक्त अभिषेक की सात्विक पूजा में कोई परंपरा नहीं है. भगवान महाकाल की नगरी उज्जैन में बड़ी संख्या में शिव भक्त है. सावन के महीने में शिव भक्त अलग-अलग प्रकार से भगवान शिव की आराधना करते हैं,  मगर रक्ताभिषेक का कोई उल्लेख शिव ग्रंथ में नहीं मिलता है.


मां के लिए बनाई थी शरीर के चमड़े की चप्पल
शिव भक्त रोनक गुर्जर ने कुछ ही महीना पहले अपनी मां को अपने शरीर के चमड़े से तैयार की गई चप्पल को पहनाया था. उस दौरान भी रौनक ने बताया था कि रामायण की चौपाई से प्रभावित होकर चमड़े की चप्पल मां को पहनाई थी.


ये भी पढ़ें: अब लाडली बहनों के खाते में आएंगे इतने अधिक रुपये, सीएम मोहन यादव ने किया ये बड़ा ऐलान