MP Economic Crime News: जब सरकारी कर्मचारी सेवानिवृत्त होते हैं तो उन्हें जीपीएफ (जनरल प्रोविडेंट फंड) की राशि से कई उम्मीदें रहती हैं. वह जीपीएफ के भरोसे कई बड़े सपने भी संजो लेते हैं.उज्जैन के जेल कर्मचारियों के सपनों पर उन्हीं के एक साथी ने करोड़ों रुपये की हेराफेरी कर पानी फेर दिया.इस जेल प्रहरी की पुलिस को भी तलाश है.जेल विभाग के कर्मचारियों में धोखेबाज आरोपी को लेकर गहरा आक्रोश है. पुलिस अधीक्षक के मुताबिक करीब 100 कर्मचारियों के साथ यह घोटाला हुआ है.
क्या हुआ जब कर्मचारियों को घोटाले का पता चला
उज्जैन की केंद्रीय जेल भेरूगढ़ में सेवानिवृत्ति के चार महीने पहले सुरेश मरमट को पता चला कि उनकी जमा की गई पूंजी को उन्हीं का साथी जेल कर्मी रिपुदमन रघुवंशी लेकर फरार हो गया है.इस खबर के बाद आज चार दिन होने वाले हैं.सुरेश और उनके परिवार के सदस्य रात में सो भी नहीं पा रहे हैं. जेल कर्मचारी सुरेश मरमट ने बताया कि आठ साल पहले उनकी उज्जैन में पोस्टिंग हुई थी.इसके पहले वे इंदौर सहित अन्य शहरों की जेल में रह चुके हैं. उन्हें सेवानिवृत्ति के दौरान 14 लाख रुपए जीपीएफ मिलना था,लेकिन उनके खाते से 27 लाख रुपए से ज्यादा की राशि निकाल ली गई है.यह गड़बड़ी कैसे हुई है उन्हें इस बात का जरा भी इल्म नहीं है.सबसे सोचने वाली बात यह है कि जिला कोषालय में कर्मचारियों की जमा पूंजी से ज्यादा राशि निकाल दी गई.इस प्रकार का यहां पहला मामला है.इसी तरह जेल प्रहरी राजेश ठाकुर ने भी अपने साथ ठगी की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि लगभग 40 से 50 कर्मचारियों की राशि निकाल ली गई है. वहीं पुलिस अधीक्षक सत्येंद्र कुमार शुक्ला के मुताबिक लगभग 100 कर्मचारियों के साथ गड़बड़ी की शिकायत सामने आई है.
बेटे की शादी के लिए जीपीएफ से नहीं मिले पैसे
उज्जैन जेल के कर्मचारी राम सुमिरन ने बताया कि वे उज्जैन के अलावा निवाड़ी,शाजापुर सहित कई जिलों की जेल में पदस्थ रह चुके हैं.उनके खाते में 10 लाख से अधिक रुपये जमा होने थे.फरवरी में उनके बेटे की शादी हुई.इस दौरान उन्होंने जब जीपीएफ की राशि निकालने के लिए आवेदन किया तो जेल प्रहरी रिपुदमन रघुवंशी उन्हें टालता रहा.इसके बाद उन्हें एहसास हुआ कि कुछ ना कुछ गड़बड़ है.कर्मचारी राम सुमिरन के अनुसार उनके खाते से 10 लाख रुपये के अलावा 14 लाख रुपये और निकाल लिए गए है.उनका खाता माइनस में बताया जा रहा है.
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