(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Indore Accident: इंदौर बस हादसे में जान गंवाने वाले रेस्टोरेंट संचालक के परिजनों ने शव रखकर किया चक्का जाम, क्या है मांग?
MP Accident News: स्थानीय विधायक मालिनी गोड़ ने पत्र लिखकर स्कूल प्रबंधन की लापरवाही पर सख्त कार्रवाई करने की मांग की है. इंदौर में स्कूल बस से हादसे में एक रेस्टोरेंट संचालक की मौत हो गई थी.
MP News: इंदौर में कल जिस स्कूल बस से हादसा हुआ था उस घटना में एक रेस्टोरेंट संचालक की मौत हो गई थी मौत के बाद आज परिजनों ने मृतक का शव चौराहे पर रखकर जाम किया. चक्का जाम कर रहे लोगों ने स्कूल प्रबंधन की जिम्मेदारी तय करने और उस पर कार्रवाई करने की मांग की. इधर पुलिस ने काफी देर तक जाम खुलवाने का प्रयास किया लेकिन लोग नहीं माने.
दूसरी तरफ स्थानीय विधायक मालिनी गोड़ ने भी जिम्मेदारों को पत्र लिखकर स्कूल प्रबंधन की लापरवाही पर सख्त कार्रवाई करने की मांग की है. उन्होंने पुलिस की धारा 304 ए की जगह सिर्फ धारा 304 लगाने की मांग की है. इसके अलावा स्कूल प्रबंधन द्वारा मृतक के बच्चों की शिक्षा की जिम्मेदारी लेने की मांग की गई है. इंदौर में स्कूल बस हादसे में जान गंवाने वाले दीपक चावला पेशे से रेस्टोरेंट संचालक थे.
बुधवार सुबह घटनास्थल पर उनके परिजन चक्काजाम करने पहुंचे. दीपक की लाश सड़क पर रखकर परिजनों ने स्कूल प्रबंधन पर एफआईआर करने की मांग की है. परिजन कह रहे हैं कि दीपक ही परिवार का और घर का मुखिया था. उसकी मौत के बाद परिवार पूरी तरह टूट गया है. इधर थाना प्रभारी ने जैसे ही परिजनों को मुआवजा देने की बात कही तो परिजन भड़क गए और खरी खोटी सुनाने लगे. मृतक के परिजनों ने काफी देर तक मानिक बाग ब्रिज पर शव रखा और चक्का जाम किया.
इधर मामले को गरमाते देख इंदौर कलेक्टर ने अपने प्रतिनिधि के तौर पर कुछ अधिकारियों को मौके पर भेजा. मृतक के परिजनों ने अफसरों से चर्चा करते हुए मांग की और कहां की स्कूल प्रबंधन को मौके पर बुलाया जाए और वह सभी मांगे मनवाई जाए जो वह चाहते हैं. इस पर अधिकारियों द्वारा कार्रवाई करने का भरोसा दिया गया.
इंदौर में स्कूल बस हद से लगातार हो रहे हैं लेकिन इन पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. आपको बता दें कि इससे पहले इंदौर में 5 जनवरी 2018 को एक बस हादसा हुआ था जिसमें दिल्ली पब्लिक स्कूल की बस बाईपास पर डिवाइडर से टकराकर दूसरी ओर चली गई थी इस हादसे में पांच बच्चों की मौत हुई थी और उसके बाद स्कूल बसों पर लगाम लगाने की बात कही गई थी लेकिन कुछ दिन कार्रवाई चली और उसके बाद सारा मामला ठन्डे बस्ते में चला गया.