Panchayat Election 2022 MP: सिंगरौली जिले की एक ग्राम पंचायत के सचिव की तीन पत्नियां चुनाव लड़ रही हैं. प्रशासन ने इस सचिव को सस्पेंड कर दिया है. मामला सिंगरौली जिले की ग्राम पंचायत पीपरखाड़ का है. वहां पंचायत सचिव की तीन पत्नियां एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रही हैं. तीन पत्नियों की बात जैसे ही प्रशासन को पता चली अधिकारियों ने फौरन पंचायत सचिव से 7 दिन में जवाब मांगा. लेकिन, जवाब देने की जगह सचिव गांव से ही भाग गया. अब अधिकारियों ने सचिव के निलंबन के आदेश जारी कर दिए हैं.
सचिव गांव से गायब
अधिकारियों ने जब जांच की तो पता चला कि पंचायत सचिव के खिलाफ मिली शिकायत सही है. इसके बाद एक्शन लिया गया. इस अजब-गजब घटना की अब चारो ओर चर्चा है. अधिकारियों ने जांच में पाया कि पंचायत सचिव की वास्तव में तीन पत्नियां हैं, जो कि गैर कानूनी है. अधिकारियों के एक्शन लेने से पहले ही पंचायत सचिव गांव से गायब हो गया है.
दो पत्नियां एक पंचायत में सरपंच पद की दावेदार
गौरतलब है कि पंचायत सचिव सुखराम गौड़ निलंबन से पहले कटहदा में पदस्थ था. उसकी तीन पत्नियां पीपरखाड़ ग्राम पंचायत से चुनाव मैदान में हैं. पहली पत्नी कुसुम कली सिंह और दूसरी पत्नी गीता सिंह एक ही ग्राम पंचायत में सरपंच पद की दावेदार हैं. वहीं तीसरी पत्नी उर्मिला सिंह देवसर के वार्ड क्रमांक 13 से सदस्य पद के लिए प्रत्याशी है. इस बात का पता चलते ही सुखराम की मुश्किलें बढ़ गईं. अधिकारियों ने आनन-फानन में उसे कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया. अधिकारियों का कहना है कि हिंदू विवाह अधिनियम के तहत सुखराम एक जीवित पत्नी के रहते दूसरा विवाह नहीं कर सकता. लेकिन, उसने तीन शादियां की हैं. उस पर कठोर कार्रवाई हो सकती है.
एक ही गांव में रहती हैं तीनों महिलाएं
बताया जाता है कि सुखराम पहले पीपरखाड़ में ही पदस्थ था, लेकिन बाद में उसका ट्रांसफर कटहदा हो गया था. उसकी पहली शादी 30 साल पहले कुसुम कली से हुई थी. उसके बाद उसने दूसरी शादी दस साल पहले गीता से की. इन दो पत्नियों के बावजूद सुखराम ने दो साल पहले तीसरी शादी कर ली. उसकी तीसरी पत्नी का नाम उर्मिला है. तीनों पत्नियां एक ही गांव में ही रहती हैं. हालांकि, उनके घर अलग-अलग हैं. इस मामले में निलंबन से पहले अधिकारियों ने कहा था कि अगर सुखराम स्पष्टीकरण नहीं देता तो उस पर कठोर कार्रवाई की जाएगी. इसके बावजूद सुखराम गांव में दिखाई नहीं दिया है.
कार्रवाई होगी
जिला पंचायत सीईओ आईएएस साकेत मालवीय ने बताया कि जनपद पंचायत सीईओ ने निलंबन की कार्रवाई का प्रस्ताव भेजा है. मामले की विभागीय जांच की जा रही है. दोषी पाए जाने पर एफआईआर भी दर्ज कराई जाएगी. फिलहाल सचिव को निलंबित कर दिया गया है.