(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Sehore News: सीहोर में डीलिस्टिंग महारैली का आयोजन, धर्म परिवर्तन पर आदिवासियों के लिए कही गई ये बात
सीहोर में जनजाति सुरक्षा मंच की डीलिस्टिंग महारैली में आदिवासियों को इकट्ठा किया गया. आदिवासी नेताओं ने लोगों को समझाया गया कि किसी के बहकावे में आकर धर्म एवं जाति परिवर्तन नहीं करना है.
Sehore News: सीहोर जिले सहित देशभर में हो रहे कथित धर्मांतरण की चर्चा जोर शोर से है. जनजाति सुरक्षा मंच की तरफ से सीहोर में आदिवासियों को इकट्ठा किया गया. टाउन हॉल प्रांगण में एकत्रित हुए आदिवासी समाज के लोगों को डीलिस्टिंग के बारे में बताया गया और समझाया गया कि किसी के बहकावे में नहीं आना है. कार्यक्रम की शुरूआत में आदिवासी महानायक टंट्या भील सहित अन्य महानायकों के चित्रों पर माल्यार्पण किया गया.
बहकावे में आकर धर्म एवं जाति नहीं बदलने की अपील
अनुसूचित जनजाति वित्त विकास निगम की अध्यक्ष निर्मला बारेला ने संविधान की धारा 342 में संशोधन करने की मांग की. उन्होंने कहा कि प्रावधान किया जाए कि धर्म परिवर्तन कर मुस्लिम या ईसाई बननेवाले को आरक्षण सहित सभी सरकारी सुविधाओं से वंचित किया जाए. दरअसल लगातार आदिवासियों को बहला-फुसलाकर धर्म परिवर्तन करके ईसाई एवं मुस्लिम बनाया जा रहा है. इस मुद्दे पर जनजाति सुरक्षा मंच काम कर रहा है. जनजाति सुरक्षा मंच गांव-गांव बैठकें कर आदिवासियों को समझा रहा है.
महारैली के दौरान मंच से आदिवासी नेताओं ने उपस्थित जनसमूह को डीलिस्टिंग के बारे में बताया और समझाया गया कि किसी के बहकावे में आकर धर्म एवं जाति परिवर्तन नहीं करना है. अब धर्म परिवर्तन करनेवाले आदिवासी भाई-बहन को सरकारी योजनाओं का लाभ भी नहीं मिल सकेगा. आदिवासी समाज के लोग धर्म परिवर्तन कर ईसाई एवं मुस्लिम बन रहे हैं. दावा है कि इसके बावजूद लाभ आदिवासी समाज के ही मिल रहे हैं. सरकारी योजनाओं का लाभ भी मिल रहा है.
धर्म बदलनेवाला हो आदिवासी समाज की सूची से बाहर
जनजाति सुरक्षा मंच की मांग है कि धर्म परिवर्तन करनेवालों को आदिवासी समाज की सूची से बाहर किया जाए और मिलने वाली सुविधाएं भी नहीं दी जाए. जनजाति सुरक्षा मंच की तरफ से डीलिस्टिंग के लिए अभियान चलाया जा रहा है. जनजाति सुरक्षा मंच मध्यप्रदेश के संयोजक कैलाश निनामा, जनजाति सुरक्षा मंच के जिला अध्यक्ष रमेशचंद्र बारेला सहित अन्य पदाधिकारियों ने बताया कि इस मुद्दे को 1970 में सांसद स्वर्गीय कार्तिक बाबूराव ने 348 से अधिक सांसदों का हस्ताक्षर संसदीय समिति के सामने प्रस्तुत किया था. लेकिन उनकी इस मांग को नहीं माना गया.
अब हमें अभियान के माध्यम से प्रत्येक ग्रामीणों के पास जाकर समझाने की जरुरत है. ग्राम सभा के माध्यम से भी प्रस्ताव पारित किया जाए कि हम डीलिस्टिंग के समर्थन में हैं. जनजाति सुरक्षा मंच की दोपहर बाद टाउन हॉल से महारैली की शुरुआत हुई. महारैली बस स्टैंड से होते हुए वापस टाउन हॉल के पास पहुंची. डीलिस्टिंग पर आयोजित महारैली में जिले के आदिवासी नेताओं में निर्मला बारेला सहित बीजेपी नेताओं ने भी उपस्थिति दर्ज कराई.
Indore News: 700 करोड़ के GST फ्रॉड का पर्दाफाश, पुलिस ने 5 आरोपियों को धरा