सीहोर में खेल प्रतिभाएं हुई लापरवाही का शिकार, लाखों रूपए के खेल मैदान फिर भी खेलने की नहीं है कोई व्यवस्था
सीहोर में लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी खिलाड़ियों को खेलने के मैदान उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं. अव्यवस्थाओं का बोलबाला है.
सिहोर जिले में हद दर्जे की लापरवाही सामने आ रही है. यहां तमाम व्यवस्थाएं करने और लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी खिलाड़ियों को खेल के मैदान उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं. सिहोर, इछावर, आष्टा, बुधनी ब्लॉक में 7-7 एकड़ में खेल के मैदान बने थे. ग्रामीण प्रतिभाओं की खेल सुविधा निखारने के लिए चारों ब्लॉकों में ग्रामीण खेल मैदान बनाए गए थे. 6 साल पहले इन मैदानों को बनाना शुरू किया गया था जिन्हें 4 साल पहले आरईएस ने जनपदों को हैंडओवर भी कर दिया गया लेकिन अभी तक खिलाड़ियों के लिए यह मैदान शुरू नहीं हो सके.
यही कारण है कि लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी खिलाड़ियों को मैदान की कमी खल रही है
साल 2015-16 की बात है -
2015-16 में 7-7 एकड़ जमीन चिन्हित की गई थी. यहां पर 80 - 80 लाख रुपए की लागत से खेल मैदान का निर्माण कराया गया है, जिसे आरईएस विभाग ने तैयार कर चार साल पहले चार मैदानों को संबधित जनपदों को हैंडओवर भी कर दिया है. हालांकि जिम्मेदारियों की अनदेखी व बजट के अभाव में ना तो यहां खेल सामग्री पहुंची और ना ही ग्राम पंचायतों ने इसका संचालन शुरू कराया. इससे मैदान बनने के बाद भी खिलाड़ियों के लिए बेकार साबित हो रहा है. यही नहीं कई बार प्रशासन ने इन मैदानों को सरकार की योजनाओं के प्रचार-प्रसार करने में खूब उपयोग किया. लेकिन खिलाड़ियों की तरफ किसी ने ध्यान नहीं दिया जिससे प्रतिभाओं को निखारने का मौका नहीं मिल पा रहा है.
कहां बने हैं खेल के मैदान -
सीहोर ब्लॉक के अल्दाखेड़ी, इछावर का तालाब गांव, बुधनी का चकल्दी और आष्टा ब्लॉक का सिद्धिगंज वे जगहें हैं जहां खेल मैदान बनाया गया है. ये मैदान समय पर शुरू हो जाते तो ग्रामीण प्रतिभाओं के साथ ही खेल एवं युवा कल्याण विभाग के ग्रीष्मकालीन खेल शिविर भी आसानी से हो जाते लेकिन ऐसा नहीं हो पाया.
इस बारे में सिहोर जिला पंचायत के सीईओ हर्ष सिंह का कहना है कि वे इस बारे में जानकारी हासिल करेंगे कि ये मैदान क्यों शुरू नहीं हो पा रहे हैं और इस काम में क्या अड़चनें आ रही हैं. इन्हें दूर करके जल्द ही मैदान शुरू करने की कोशिश की जाएगी.
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