Sehore News: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले सीहोर में किसान सरकार से नाराज हैं. उन्होंने भेदभाव का आरोप लगाते हुए सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. बीते दिनों जिले में भारी वर्षा के कारण खरीफ की फसल पर बुरा प्रभाव पड़ा था. किसानों को हुई भारी क्षति का सर्वे की लगातार मांग की जा रही है. किसानों का आरोप है कि बुधनी विधानसभा क्षेत्र और श्यामपुर के कुछ इलाकों का सर्वे किया गया. लेकिन इछावर, जावर, आष्टा और सीहोर तहसील में नुकसान का आकलन नहीं हुआ. सरकार के भेदभाव से किसानों में नाराजगी है. नाराज किसानों ने कुलांस नदी में खराब सोयाबीन की फसल लेकर जल सत्याग्रह किया. विरोध में उन्होंने थाली बजाकर सरकार के सामने मांग रखी.


किसानों की बर्बादी के सर्वे में भी भेदभाव


किसानों ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र में बाढ़ और अतिवृष्टि पर सरकार संजीदा है. लेकिन बाकी क्षेत्रों में किसानों की फसल बर्बाद होने पर भी सर्वे नहीं कराया जा रहा है. किसान एमएस मेवाड़ा, महेश का कहना है कि सीहोर जिले की कुलांस नदी के पास गांव कुलांस कला, कुलांस खुर्द, ढाबला, रामा खेड़ी, नापली, चेनपुरा बारवाखेड़ी, उलझावन में भी बाढ़ एवं जलभराव के कारण फसलें बुरी तरह प्रभावित हुई थी.


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नदी में 1 दिन का जल सत्याग्रह आंदोलन


किसानों को हुई क्षति से सरपंचों, तहसीलदार और पटवारियों को भी अवगत करा दिया गया था. लेकिन लापरवाही के ना तो सर्वे कराया गया और ना ही किसानों को किसी प्रकार का राहत स्वरूप मुआवजा मिला है. ग्राम कुलासखुर्द और कुलास कला के नाराज किसानों ने कुलास नदी में एक दिन का जल सत्याग्रह आंदोलन किया. साथ ही साथ सत्याग्रह को आगे बढ़ाने की बात भी कही है. सरपंच प्रतिनिधि राजेंद्र वर्मा, पूर्व सरपंच रमेश चंद्र वर्मा, किसान सिंह प्रभु दयाल वर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से आग्रह करते हैं कि बाढ़ प्रभावित किसानों का सर्वे कराया जाए और बर्बाद हुई खरीफ की फसलों पर आरबीसी 6-4 राजस्व परिपत्र के अनुसार उचित आर्थिक सहायता प्रदान करे.


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