Sehore News: मांझी आदिवासी समाज संघ और मांझी पंचायत कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट कार्यालय में घुटनों पर बैठकर प्रदर्शन किया गया है. कार्यकर्ताओं के द्वारा नगर पालिका परिषद सीहोर, मंत्री, सांसद, विधायक, नगर पालिका अध्यक्ष, कलेक्टर, एसडीएम और तहसीलदार के द्वारा 10 साल पुरानी मांग को पूरा नहीं किए जाने को लेकर नगर पालिका मुर्दाबाद के नारे भी लगाए गए. मांझी आदिवासी समाज संघ, मांझी पंचायत जिला अध्यक्ष ओमपकाश रायवार के नेतृत्व में मछुआ समाज के लोग बड़ी संख्या में कलेक्ट्रेट पहुंचे और कलेक्टर डॉ. चंद्रमोहन ठाकुर के नाम का ज्ञापन नायब तहसीलदार को दिया.
स्थाई मछली मार्केट निर्माण की कर रहे मांग
मछुआ समाज जिला अध्यक्ष ओमप्रकाश रैकवार ने बताया कि विगत 10 वर्षों से निरंतर मछुआरा समाज के बेरोजगार लोगों के द्वारा सीहोर नगर में स्थाई मछली मार्केट निर्माण की मांग की जा रही है. जिसके लिए प्रभारी मंत्री प्रभुराम चौधरी, सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर, विधायक सुदेश राय, तत्कालीन नगर पालिका अध्यक्ष अमिता अरोरा, पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष नरेश मेवाडा, पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष राकेश राय, तत्कालीन कलेक्टर कियावत, तरुण कुमार पिथोड़े, अजय गुप्ता सहित अन्य जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों को ज्ञापन देकर निवेदन किया जा चुका है. लेकिन अब तक मछुआ समाज जनों की मांग पूरी नहीं की गई है.
टेंडर जारी होने के बाद भी नहीं हुआ निर्माण कार्य
जिला अध्यक्ष रैकवार ने बताया कि शासन द्वारा विगत 4 वर्षों में 3 बार मछली मार्केट निर्माण के लिए भूमि आवंटित की गई है. नगर पालिका परिषद सीहोर द्वारा पूर्व में 2 बार निर्माण कार्य के लिए टेंडर जारी होने के बाद भी अभी तक कोई निर्माण कार्य नहीं कराया गया है. हर बार किसी न किसी प्रकार की आपत्ति आने पर मछली मार्केट निर्माण कार्य की कार्यवाही रोक दी जाती है. प्रत्येक बार शासन-प्रशासन द्वारा मछली मार्केट निर्माण का आश्वासन देकर प्रकरण को दबा दिया जाता है. मांझी समाज द्वारा उक्त के संबंध में निरंतर प्रत्येक स्तर के अधिकारी से गुहार लगाई गई परंतु कोई सुनवाई नहीं हो रही है.
लोग भोपाल जाकर मछली बेचने को मजबूर
पुराने मछली मार्केट को प्रशासन द्वारा तोड़ दिया गया है. उक्त जगह पर अन्य विशेष वर्ग के लोगों द्वारा कब्जा कर पक्का निर्माण कर मुर्गा व मटन की दुकानें लगाई जा रही है. इसकी शिकायत मुख्य नगर पालिका अधिकारी को कई बार लिखित रूप में की गई है परंतु किसी प्रकार की कोई कार्रवाई प्रशासन द्वारा नहीं की गई है. वर्तमान में मछुआ समाज के लोग उक्त परिस्थिति के कारण बेरोजगार एवं भुखमरी की कगार पर आ गये हैं. सीहोर शहर में मछली मार्केट नहीं होने के कारण रोजी-रोटी चलाने के लिये छोटे मछुआरों को मजबूरन भोपाल जाकर मछली बेचनी पड़ती है.
समाज के छोटे तबके का बेरोजगार जो केवल मछली व्यवसाय पर आश्रित है वह आर्थिक रूप से अत्यंत ही दयनीय स्थिति में है और हर दिन रोजी-रोटी के संकट का सामना कर रहा है.
मांझी आदिवासी मछुआ समाज की मांग है कि पुराने मछली मार्केट पर जो अवैध कब्जा किया गया है उक्त अतिक्रमण को हटाकर वो जगह मछुआ समाज को दी जाए और शीघ्र नये मछली मार्केट निर्माण के लिए कार्यवाही पूर्ण की जाए. ताकि समाज के गरीब अपनी व्यवसाय सुचारू रूप से प्रारंभ कर सके. प्रदर्शन के दौरान बड़ी संख्या में मछुआ समाज जन मौजूद रहे.
ये भी पढ़ें-
इंदौर में CCTV लगाने पर दो पक्षों के बीच विवाद, पत्थरबाजी की घटना कैमरे में हुई कैद