Sehore News: सीहोर में रानी कमलापति का किला झेल रहा है उपेक्षा का दंश, सरकार से दखलअंदाजी की गुहार
Sehore News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल पहला वर्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशन हबीबगंज का लोकार्पण करने भोपाल आ रहे हैं. हबीबगंज रेलवे स्टेशन अब रानी कमलापति के नाम से जाना जाएगा.
Sehore News: मध्य प्रदेश में देश का पहला वर्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशन हबीबगंज के रूप में बनकर तैयार है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल लोकार्पण करने भोपाल आ रहे हैं. हबीबगंज रेलवे स्टेशन अब रानी कमलापति के नाम से जाना जाएगा. लेकिन क्या आप जानते हैं रानी कमलापति का इतिहास सीहोर से भी जुड़ता है. मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से 55 किलोमीटर और सीहोर जिला मुख्यालय से 100 किलोमीटर दूर है गिन्नौरगढ़.
750 गांवों से मिलकर गिन्नौर राज्य बनाया गया था. मुगल साम्राज्य के पतन के बाद गोंड राजा निजाम शाह की हुक्मरानी थी और सात रानियों के साथ रहते थे. कृपाराम गोंड की बेटी कमलापति सभी रानियों में बेहद खूबसूरत, वीर और बुद्धिमान भी थीं. निजाम शाह के परिवार का भतीजा चैनशाह बाड़ी में राज करता था. नफरत की वजह से उसने अपने चाचा की हत्या करने के काफी प्रयास किए, जिसमें उसे सफलता नहीं मिली.
आखिराकर चैनशाह ने धोखे से निजाम शाह को जहर देकर मार दिया. चैनशाह, कमलापति से शादी करना चाहता था, लेकिन उसने इंकार कर दिया. साजिश से बचने के लिए विधवा हुई कमलापति और उसका बेटा नवलशाह गिन्नौरगढ़ किले में ही छुप गए. गिन्नौरगढ़ का किला गौड़ राजाओं के समय जंगल के बीच में बनाया गया था. कई विद्रोह और आक्रमणों से बचते हुए उसने पति के हत्यारों से बदला लेने के लिए इस्लामनगर के नवाब दोस्त मोहम्मद से मदद मांगी. दोस्त मोहम्मद बाद में भोपाल के नवाब भी बने.
माना जाता है कि रानी ने दोस्त मोहम्मद को राखी बांधी थी और उन्हें अपना भाई बनाया था. खास बात है कि हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम भले ही रानी कमलावती रखा जा रहा है लेकिन आज भी सीहोर जिले के गिन्नौर गढ़ में रानी कमलावती का किला खस्ताहाल है. पर्यटन विभाग, संस्कृति विभाग और जिला प्रशासन ने आज तक इस किले की सुध नहीं ली है और ना ही इसका जीणोद्धार करने की सोची. हालांकि, विंध्य पर्वत की श्रेणियों में एक पहाड़ी पर स्थित किला सैलानियों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है.
देखरेख के अभाव में किला हर दिन खस्ताहाल हुआ जा रहा है. किले तक पहुंचने के लिए पर्यटकों को ऊबड़-खाबड़ रास्तों से गुजरना पड़ता है. खजाने की तालाश में किले की काफी खुदाई से भी बहुत नुकसान पहुंचा है. ऐतिहासिक किला सीएम शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले और बुधनी विधानसभा में आता है जहां पर रानी कमलापति का महल है. हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम कमलापती पर रखा जा रहा है लेकिन उनकी धरोहर आज भी खस्ताहाल है. लोगों का कहना है कि सरकार को जरूर एक बार महल के जीर्णोद्वार करने पर भी सोचना चाहिए. क्षेत्र से मुख्यमंत्री होने के बावजूद कमलापति का महल उपेक्षा का दंश झेल रहा है.
Wagah Border: पाकिस्तान ने जेल से रिहा किए 20 भारतीय मछुआरे, बाघा बॉर्डर से करेंगे वतन वापसी
S-400 Missile रूस से भारत आना शुरू, दिसंबर में भारत दौरे पर आएंगे राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन