भोपाल.मध्य प्रदेश के अंदर विद्यालय के छात्रों का यू डाइस डाटा अर्थात डेटाबेस की डाटा एंट्री जारी है.इसमें मध्य प्रदेश के सीहोर जिले में प्रथम स्थान प्राप्त किया है. सीहोर के जिला कलेक्टर  प्रवीण सिंह ने बताया कि कि यू डाइस डाटा एंट्री के तहत जिले के सभी स्कूलों के  319322 छात्रों में से 284142 छात्रों की प्रोफाइल पूर्ण कर ली गई है.यह प्रगति करीब 89 प्रतिशत है. यह प्रदेश में सबसे अधिक है.


सीहोर को किस काम में मिला है पहला स्थान


सीहोर जिले के यू डाइस डाटा में प्रथम आने की मुख्य वजह कलेक्टर प्रवीण सिंह द्वारा सतत मॉनिटरिंग और संबंधित अधिकारियों और प्राचार्यों को निरंतर मार्गदर्शन देना रहा है.मध्य प्रदेश का सीहोर जिला सात नवंबर 2023 तक प्रदेश में 46 वें नम्बर पर था. लेकिन लगातार प्रगति करते हुए 20 अप्रैल 2023 की रैंकिंग में सीहोर जिला बाटम से टॉप पर आ गया है.कलेक्टर प्रवीण सिंह ने इस उत्कृष्ट कार्य के लिए जिला शिक्षा अधिकारी, डीपीसी, बीईओ, बीआरसी सहित इस कार्य में जुड़े सभी प्राचार्यों एवं शिक्षकों को बधाई देते हुए हमेशा इसी तरह उत्कृष्ट प्रदर्शन की अपेक्षा की है.


क्या कहना है सीहोर के कलेक्टर का


सीहोर के जिला कलेक्टर  प्रवीण सिंह ने बताया कि कि यू डाइस डाटा एंट्री के तहत जिले के सभी स्कूलों के  319322 छात्रों में से 284142 छात्रों की प्रोफाइल पूर्ण कर ली गई है.यह प्रगति करीब 89 प्रतिशत है. यह प्रदेश में सबसे अधिक है. शेष 35180 छात्रों की प्रोफाइल तैयार करने का काम तेजी से किया जा रहा है.जिले के 319322 छात्रों में से 166885 सरकारी स्कूलों के छात्र है.सरकारी स्कूलों के 154240 छात्रों की प्रोफाइल कंपलीटकर ली गई है. यह करीब 92 फीसदी है. बाकी के छात्रों की प्रोफाइल भी शीघ्र ही पूर्ण कर ली जाएगी.


डाटा बेस में सामन्यतया छात्र की प्रोफाइल, शिक्षकों की प्रोफाइल, स्कूल का विवरण स्थान, संरचना, प्रबंधन एवं अनुदेश का माध्यम, भौतिक सुविधाएं और उपकरण, शैक्षणिक एवं गैर-शैक्षणिक स्टॉफ़, नए दाखिले, नामांकन एवं पुनरावर्तक/रिपीटर्स, बच्चों को प्रदान किए गए प्रोत्साहन एवं सुविधाएं, वार्षिक परीक्षा का परिणाम, बोर्ड परीक्षा का परिणाम, आय और व्यय, संस्थानिक स्तर पर एनएसक्यूएफ के तहत व्यावसायिक शिक्षा, पीजीआई एवं अन्य संकेतक,स्कूल की सुरक्षा आदि जानकारी पोर्टल पर दर्ज की जाती है. मध्य प्रदेश सरकार यू डाइस डाटा के माध्यम से छात्र-छात्राओं का समूचा डाटा एकत्र करने में लगी है. इसका मकसद उनकी स्थितियों के आधार पर शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार किया जा सके.


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