Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के नजदीकी जिले सीहोर की ग्राम पंचायत झरखेड़ा इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है. इसकी वजह है कि यहां पूर्व सरपंच और सचिव ने वेशकीमती जमीन को खुर्दबुर्द कर दिया. यह मामला जिला पंचायत तक पहुंचा तो तात्कालिक जिला पंचायत सीईओ आईएएस आशीष तिवारी ने मामले की जांच करवाई और मामले में दोनों के खिलाफ एफआईआर के निर्देश भी दिए, लेकिन इसके बाद उनका तबादला हो गया. 


वहीं करीब दो महीने तक यह मामला ठंडे बस्ते में रहा, लेकिन मामला मीडिया की सुर्खियां बना तो विपक्षी नेता और एक्टविष्टों ने कार्रवाई की मांग की. कलेक्टर से लेकर लोकायुक्त और सीएम से लेकर पीएमओ कार्यालय तक इसकी शिकायत हुई. अब एक बार फिर जिम्मेदार अधिकारी जांच की बात कर रहे हैं. इसके साथ ही तात्कालिक जिला पंचायत सीईओ आईएएस अधिकारी की जांच पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं.


क्या है पूरा मामला?
दरअसल, ग्राम पंचायत झरखेड़ा में पूर्व सरंपच सविता विश्वकर्मा और सचिव मनोहर मेवाड़ा द्वारा साल 2017 और 2019 में 17 दुकानों का निर्माण कराया गया था. इस निर्माण कार्य को लेकर कई अनियमितता सामने आई. इसके बाद 1 मार्च 2024 को पंचायत में कलस्टर स्तरीय समीक्षा बैठक हुई. इस दौरान पंचायत द्वारा निर्मित दुकानों की आय के संबंध में दुकानदार कैलाश ने बताया, अधिक राशि लेकर कम राशि की रसीद उन्हें दी गई है. इसके बाद इस पूरे मामले को लेकर जांच हुई, जिसमें कई गड़बड़ियां और वित्तीय अनियमिताएं सामने आई.


ग्राम पंचायत झरखेड़ा में ग्रामीण यांत्रिकी सेवा सूक्ष्म उद्यमियों के लिए आठ दुकानों का निर्माण पंचायत ने आम चुनाव 2022 से पहले कराया था. इसके अतिरिक्त जितनी भी दुकानों का निर्माण हुआ, इसके लिए शासकीय भूमि आवंटन की कोई कार्रवाई नहीं हुई. राजस्व रिकॉर्ड में दुकान निर्माण के लिए कोई जमीन दर्ज नहीं है. दुकान निर्माण के लिए टेक्निकल परमिशन, प्रशासकीय परमिशन, मूल्यांकन संबंधी रिकॉर्ड ग्राम पंचायत में नहीं पाए गए. दुकानों का वितरण किस हिसाब से किया गया, इससे संबंधित कोई दस्तावेज भी नहीं मिले हैं.


ग्राम पंचायत दुकान निर्माण संबंधी वितरण और दुकान के संबंध में काटी गई रसीदों का कोई रिकॉर्ड नहीं पाया गया. जांच में पाया कि बिना परमिशन के मध्य प्रदेश पंचायत राज और ग्राम स्वराज अधिनियम 1994 की धारा 65 अंतर्गत मप्र पंचायत नियम 03, 04, 06, 07, 08, 09, 10, 11, 12 का उल्लंघन करते हुए शासकीय भूमि को खुर्द बुर्द करने का प्रयास किया. तात्कालीन जिला पंचायत सीईओ आशीष तिवारी ने जनपद पंचायत सीईओ को जुलाई माह में पत्र लिखकर पूर्व सरपंच और सचिव पर एफआईआर दर्ज कराकर कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे.


कांग्रेस ने बोला हमला
वहीं अब मामले के सुर्खियों में आने के बाद कांग्रेस ने कलेक्टर प्रवीण सिंह अढायच को ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई की मांग की. वहीं भोपाल के एक्टविष्ट अजय पाटीदार ने सीएम मोहन यादव और पीएमओ कार्यालय में शिकायत की है. वहीं कांग्रेस के पूर्व विधायक कुणाल चौधरी ने इस मामले में सरकार को घेरा है.


वहीं नितिन टाले प्रभारी जिला पंचायत सीईओ सीहोर ने कहा, पूर्व सरपंच और सचिव ने कलेक्टर से आग्रह किया था कि जांच में कुछ तथ्य उनकी तरफ से छूट गए थे. कहा कलेक्टर के निर्देश के बाद जांच दल गठित किया जाएगा. दुबारा से जांच होगी.



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