Coonoor Helicopter Crash: बुधवार को हेलीकाप्टर हादसे में सीडीएस बिपिन रावत के साथ शहीद हुए जवानों में सीहोर जिले के ग्राम धामंदा निवासी जितेन्द्र कुमार भी शामिल थे. शहीद जितेन्द्र रक्षा प्रमुख रावत के पीएसओ थे. विमान हादसे के दौरान असमय जितेन्द्र की मौत से जहां पूरे जिले में शोक है, वहीं जितेन्द्र की शहादत के बाद उनके ग्राम धामंदा में सेना में जाने वाले जवानों का जोश कम नहीं हुआ है, बल्कि इस शहादत के बाद देश सेवा के लिए इन युवाओं में एक नया जज्बा पैदा हुआ है.


गौरतलब है कि बुधवार को विमान हादसे में शहीद हुए जितेन्द्र की मौत की खबर जैसे ही उनके ग्राम धामंदा पहुंची वैसे ही पूरा जिला शोक में डूब गया. जितेन्द्र कुमार पिछले लंबे समय से सेना में कार्यरत थे और वह मुख्य रक्षा प्रमुख विपिन रावत के पीएसओ थे. जितेन्द्र जब भी अपने गांव धामंदा आते थे तो उन्होंने कभी इस बात का जिक्र अपने नजदीकियों से नहीं किया कि वह रक्षा प्रमुख के इतने निकट रहकर सेना में कार्य कर रहे है. इस बात का खुलासा उनकी शहादत के बाद उनके परिजनों, मित्रों और परिचितों को सूचना संचार माध्यमों के जरिए पता चला.


जितेन्द्र की शहादत के बाद युवाओ में बढ़ा सेना में जाने का जज्बा


शहीद जितेन्द्र के ग्राम धामंदा से इस समय दो दर्जन जवान सेना में कार्यरत हैं तो वहीं इस समय ग्राम धामंदा और उससे लगे ग्राम अमलाहा के करीब दो दर्जन से अधिक युवा सेना भर्ती को लेकर तैयारियों में लगे हुए है. जितेन्द्र की मौत से जहां एक तरफ पूरे क्षेत्र में गम का माहौल है तो वहीं सेना में जाने की तैयारी करने वाले उनके ग्राम के युवा उनकी इस शहादत से जरा भी विचलित नहीं है बल्कि उनका कहना है कि हम पूरे जोश ओर जुनून के साथ सेना भर्ती की तैयारी के लिए भरसक प्रयास करेंगे ताकि शहीद जितेन्द्र कुमार की तरह हम भी देश सेवा कर सकें. 


ग्राम धामंदा के राहुल वर्मा और मनोहर वर्मा बातचीत में बताते है कि वह इस समय सेना भर्ती के लिये तैयारियों में जुटे हुए हैं. बुधवार को जैसे ही विमान हादसे के दौरान जितेन्द्र के मौत की जानकारी मिली उसके बाद यह लोग गमगीन जरूर हुए लेकिन उनके सेना में जाने का जज्बा और बढ़ा है. राहुल और मनोहर बताते है कि ग्राम धामंदा और निकट ग्राम अमलाहा में इस समय दो दर्जन से अधिक युवा सेना भर्ती के लिये तैयारियों में जुटे हुए है. इन युवाओं का कहना है कि देशसेवा के लिए जितेन्द्र कुमार का अधूरा सपना हम लोग पूरा करेंगे. देश सेवा करते हुए जितेन्द्र की शहादत हमारे लिये किसी प्रेरणा से कम नहीं है.


छुट्टी पर आते थे जितेन्द्र तो देते थे ट्रेनिंग


ग्राम धामंदा में निवासरत शिक्षक गोपाल सिंह वर्मा में बताते है कि उन्होंने शहीद जितेन्द्र को पढ़ाया है. जितेन्द्र जब भी छुट्टियों के दौरान अपने गांव धामंदा आते थे तो वह एक नजदीकी स्कूल में युवाओं को प्रशिक्षण देते थे, साथ ही सेना भर्ती के लिए की जाने वाली पूर्व तैयारियों को लेकर भी युवाओं को टिप्स देते थे और उनका मनोबल भी बढ़ाया करते थे.


अंत्येष्टी की तैयारियां, बनाए गए दो अस्थायी हेलीपैड


गुरूवार को शहीद जितेन्द्र के मृत शरीर की पहचान करने के लिए परिजनों के डीएनए टेस्ट पूरे हुए हैं. इस प्रक्रिया के बाद शहीद जितेन्द्र का शव आगामी दिनों में अंत्येष्टी के लिए उनके गृह ग्राम धामंदा रवाना किया जाएगा. अधिकारिक रूप से शहीद जितेन्द्र का शव धामंदा कब पहुंचेगा इसकी पुष्टि अभी नहीं हो पा रही है, लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि शुक्रवार या शनिवार तक सेना से जुड़ी पूरी प्रक्रिया होने के बाद अंत्येष्टी के लिये उनका शव ग्राम धामंदा लाया जाएगा. शहीद जितेन्द्र की अंत्येष्टी में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित कई नामचीन चेहरे ग्राम धामंदा पहुंचेंगे जिसके लिए गांव के नजदीक दो अस्थायी हेलीपैड का निर्माण गुरूवार को पूरा कर लिया गया है. साथ ही अंत्येष्टी से जुड़ी सारी तैयारियां जारी है.


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