Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल (Bhopal) के नजदीकी जिले सीहोर (Sehore) के ग्राम कलमखेड़ा में पेयजल संकट की स्थिति विकराल है. ग्रामीण सूखी नदी में गड्ढा (झिरी) खोदकर मटमैला पानी पीने के लिए मजबूर हैं. एबीपी न्यूज संवाददाता नितिन ठाकुर ने ग्राम कलमखेड़ा के ग्रामीणों की इस समस्या को प्रमुखता से उठाया. इसके बाद कलेक्टर द्वारा गांव में टीम भेजी गई. गांव में आज नलकूप खनन कराया गया जहां से पानी भी निकल आया.
बता दें राजधानी भोपाल के नजदीकी सीहोर जिले के आदिवासी और अनुसूचित जाति बाहुल्य ग्राम कलमखेड़ा के ग्रामीण वर्षों से पेयजल संकट से जूझ रहे हैं. गांव की आबादी 700 के लगभग हैं, लेकिन गांव में पेयजल का इंतजाम नहीं है. ग्रामीण गांव से दो किलोमीटर दूर स्थित सूखी नदी में हर साल झिरी (गढ्डा) खोदकर पानी निकालते हैं और यही मटमेला पानी पीने के लिए विवश होते हैं.
गंदा पानी पीने से ग्रामीण हो रहे हैं बीमार
एबीपी न्यूज की टीम ने गांव में जाकर देखा तो ग्रामीण महिला-पुरुष पानी के लिए परेशान हैं. एक एक-दो-दो किलोमीटर दूर जाकर पीने के पानी का इंतजाम कर रहे हैं. ग्रामीण सूखी नदी में गड्ढा खोदकर मटमैला पानी पी रहे हैं. ग्रामीणों ने बताया था कि हम यही गंदा पानी पीते हैं. ग्रामीणों के अनुसार गंदा पानी पीने की वजह से ग्रामीण बीमार भी हो रहे हैं.
कलेक्टर ने लगवाया नल
एबीपी न्यूज की खबर के बाद कलेक्टर प्रवीण कुमार सिंह ने संज्ञान लिया. कलेक्टर प्रवीण कुमार सिंह ने एबीपी संवाददाता से बताया कि बहुत सारे गांवों में पानी की समस्या आ रही है, इस पर हम लगातार काम भी कर रहे हैं. हमने कॉल सेंटर बनाया है साथ ही 181 पर भी शिकायत आ रही है. उस पर भी हम काम कर रहे हैं. दो मशीनें नलकूप खनन के लिए लगा रखी हैं.
मीडिया के माध्यम से जो खबरें आती हैं, उन जगह पर हम टीम भेजते हैं और नलकूप कराते हैं. आप की खबर के माध्यम से मुझे कलमखेड़ा की जानकारी मिली. मैंने तुरंत टीम भेज दी है, इस टीम में पीएचई और जनपद के लोग शामिल हैं. टीम वहां जाकर देखेगी और ग्रामीणों से बात करेगी. ग्रामीण बताएंगे कि यहां पानी निकल सकता है, वहां पर बोरिंग करा दिया जाएगा.
करंजखेड़ा गांव में स्थायी रूप से भी पानी की व्यवस्था की गई. कलेक्टर प्रवीण सिंह द्वारा गांव में भेजी गई टीम आज रविवार को नलकूप खनन कराया. बोरिंग मशीन से नलकूप खनन हो रहा है, वहीं 300 फिट पर पानी भी निकल आया है. ग्रामीण खुशी से अब एबीपी न्यूज़ और कलेक्टर को धन्यवाद दे रहे हैं.