MP News: आबकारी नीति में बदलाव बेअसर? सीएम शिवराज के गृह जिले में स्कूल के पास चल रही शराब की दुकान
MP Excise Policy: मध्य प्रदेश की आप इकाई ने आबकारी नीति को लेकर राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाया है. इसका कहना है कि यह केवल नीतियां बनाती है लेकिन उसका सही से पालन नहीं कर पाती है.
MP News: पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती (Uma Bharti) द्वारा शराब को लेकर चलाए गए अभियान के बाद सीएम शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) के नेतृत्व वाली सरकार ने शराब नीति में बदलाव तो कर दिया, लेकिन कई जिलों में इस नीति को पालन में कराने में आबकारी विभाग असहज नजर आ रहा है. इसका उदाहरण मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के घर सीहोर (Sehore) की इछावर विधानसभा में देखा जा सकता है. वरिष्ठ विधायक करण सिंह वर्मा के गढ़ में बस स्टैंड पर शराब की दुकान मौजूद है. इस दुकान के सामने ही एक स्कूल भी है.
बस स्टैंड पर शराब दुकान होने की वजह से यात्रियों को काफी असुविधाओं का सामना करना पड़ता है. इस शराब दुकान की वजह से सबसे ज्यादा असहज अपने आपको महिलाएं यात्री मानती हैं, वहीं इस शराब दुकान के सामने ही एक निजी स्कूल भी है. इस स्कूल में पढ़ने वाले नौनिहालों पर इस शराब दुकान की वजह से भी विपरीत प्रभाव पड़ रहा है.
चार-पांच दुकानों में बदलाव कर हो गई इतिश्री
आबकारी विभाग द्वारा महज चार-पांच दुकानों का स्थान परिवर्तन कर कर्तव्य की इतिश्री करा ली गई है. उधर, आम आदमी पार्टी के जिलाध्यक्ष दिनेश नागर ने कहा कि बीजेपी सरकार नियम कायदे तो बनाती है, लेकिन उसका पालन नहीं हो पाता. नई आबकारी नीति आई. बताया गया था कि 1 अप्रैल से प्रदेश भर में अहाते बंद हो जाएंगे, स्कूल, मंदिर के पास से शराब दुकान हटा दी जाएंगी लेकिन आज भी मुख्यमंत्री के गृह जिले सीहोर के इछावर में बस स्टैंड पर शराब दुकान संचालित हो रही है, जिससे यात्री परेशान होते हैं. आए दिन शरारती तत्व शराब पीकर अभद्रत व्यवहार करते हैं, वहीं शराब दुकान के सामने स्कूल हैं, लेकिन किसी की सुध नहीं ली.
यह है एमपी की आबकारी नीति
- किसी भी मदिरा दुकान के साथ मदिरापान की सुविधा नहीं कराई जाएगी.
- ऐसी शराब दुकानें, जो वर्तमान नियमों के परिभाषित धार्मिक संस्था से 100 मीटर की दूरी से कम पर स्थित है, को 100 मीटर से अधिक दूरी पर विस्थापित किया जाएगा.
- मान्यता प्राप्त माध्यमिक, उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों, महाविद्यालयों और कन्याओं के शासकीय छात्रावास से जिन दुकानों की दूरी 100 मीटर से कम है, उन्हें 100 मीटर से अधिक दूरी विस्थापित किया जाएगा.
- ऐसी मदिरा दुकानों को अलग से चिह्नित किया जाएगा जिन्हें लोकहित में बंद किया जाना जरूरी है. इन मदिरा दुकानों को शासन द्वारा कलेक्टर के प्रस्ताव पर बंद किया जा सकेगा.