Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश में साल 2023 में होने जा रहे विधानसभा चुनाव (MP assembly elections) से पहले ही बीजेपी (BJP) नेताओं की गुटबाजी खुलकर सामने आने लगी है. इस गुटबाजी का असर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) के गृह जिले सीहोर (Sehore) में भी देखने को मिल रहा है. यहां जिला मुख्यालय पर दो बड़े नेता विधायक और पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष का आपसी मनमुटाव शहर के चौक चौराहों पर होर्डिंग्स-पोस्टर्स के माध्यम से साफ देखा जा सकता है.
वहीं गुरुवार को यह बानगी पूर्व राजस्व मंत्री और विधायक करण सिंह वर्मा (Former Revenue Minister Karan Singh Verma) के गढ़ इछावर में भी देखने को मिली. एक दिन पहले सिविल अस्पताल के नए भवन के भूमिपूजन के मौके पर लगाई गई नामों की पट्टिका से सांसद रमाकांत भार्गव (MP Ramakant Bhargava) का नाम ही गायब है. इछावर विधानसभा क्षेत्र (Ichhawar Assembly Constituency) में सांसद भार्गव की यह अनदेखी जिले भर के राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बनी हुई है.
साढ़े नौ करोड़ की लागत से बनेगा भवन
इछावर में सिविल अस्पताल का भवन नौ करोड़ 50 लाख रुपये की लागत से कराया जाएगा. भवन निर्माण के लिए गुरुवार को भूमिपूजन कार्यक्रम आयोजित किया गया. भवन निर्माण के लिए बकायादा नामों की पट्टिका भी लगाई गई. इस पट्टिका पर क्षेत्रीय विधायक व पूर्व राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा, जनपद पंचायत अध्यक्ष रेखा बाई व नगर पंचायत के अध्यक्ष देवेन्द्र वर्मा का नाम अंकित है. इस पट्टिका से सांसद रमाकांत भार्गव का नाम नदारद है. हालांकि पट्टिका देख पूर्व राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा ने नाराजगी जाहिर की. विधायक वर्मा ने कहा कि सांसद नहीं आए तो क्या हुआ उनका नाम होना जरुरी था.
40 सालों से कब्जा फिर पिछड़ा
बता दें कि इछावर क्षेत्र में विधानसभा कार्यकाल को छोड़ दें तो बीते 40 सालों से यहां बीजेपी का कब्जा है. करण सिंह वर्मा इस क्षेत्र से लगातार विधायक बनते आ रहे हैं. वे प्रदेश के मंत्रिमंडल में भी शामिल रहे. पूर्व में राजस्व मंत्री जैसा महत्वपूर्ण पद उन्हें मिला. बावजूद इसके इछावर विधानसभा क्षेत्र में 40 साल तक बीजेपी का कब्जा होने के बाद भी विकास के मामलों में सीहोर जिले की चारों विधानसभाओं में इछावर क्षेत्र सबसे पिछड़ा हुआ है. लंबे अरसे बाद अब यहां अस्पताल को नए भवन की सौगात मिलने जा रही है. अस्पताल भवन निर्माण के लिए भूमि स्कूल से ली गई है. एक्सीलेंस स्कूल की दो एकड़ भूमि पर अस्पताल का नया भवन निर्मित होगा.