Sehore News: जीवनदायिनी नर्मदा नदी के तट पर शराब पिलाने और बेचने पर पूरी तरह पांबदी है. सीएम शिवराज सिंह चौहान ने बीते महीने हनुवंतिया टापू पर गए थे तब उन्होंने ये बात मंच से कही थी. गौरतलब है कि मध्यप्रदेश के सीहोर जिले से निकली नर्मदा नदी तट के गांव सहित पूरे अंचल में अवैध शराब विक्रय का कारोबार तेजी से फैल रहा है. शराब दुकानें हटने के बाद शराब माफियाओं ने अवैध शराब की सप्लाई जोर शोर से शुरु कर रखी है. हालत यह है कि गली,किराना दुकान और घरों से शराब की बिक्री हो रही है.


शराब माफिया हुए सक्रिय
मुख्यमंत्री ने मां नर्मदा के तटों पर सामाजिक बुराई और शराब को प्रतिबंधित कर यहां आवंटित दुकाने निरस्त कर दी थी लेकिन इसका सकारात्मक परिणाम मिलता नहीं दिख रहा है. दुकाने बंद होने से यहां अवैध शराब माफिया सक्रिय हो गए हैं. देशी अंग्रेजी शराब की सभी वेरायटी इस क्षेत्र में सप्लाई हो रही है. छोटे छोट एजेंट कमीशन मिलने के चक्कर में माफियाओं के एजेंट बन शराब की खेप लेकर उसे ग्रामीणों को बेच रहे हैं.


शराब की हो रही खूब बिक्री
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा अपने पिछले कार्यकाल में आदेश जारी हुआ था कि नर्मदा किनारे के क्षेत्रों में शराब की बिक्री पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया जाता है. इसका असर दुकानें बंद होने तक ही हुआ जबकि पूरे जिले में सबसे ज्यादा शराब की बिक्री सीहोर जिले के नर्मदा किनारे शहर गांव में ही हो रही है. इसका मुख्य कारण आबकारी और माफियाओं की साठगांठ है.


घर तक पहुंचाई जा रही शराब
हालत ये है कि शाहंगज बुधनी छिपानेर सहित नर्मदा नदी से लगे आसपास गांवो में रात होते ही मयखाने बन जाते हैं. देशी विदेशी शराब बेचने वालों के साथ कच्ची शराब बनाने वाले अपना काम बेधड़क कर रहे हैं. दलालों द्वारा अंग्रेजी शराब ज्यादा रेट पर बेची जा रही है. दुकानें बन्द होने से सुरा प्रेमियों को और सहूलियत हो गई है. पहले ठेके तक जाना पड़ता था पर अब शराब घर पहुंच रही है और ये सब दलालों की मेहरबानी है. 


सीएम की घोषणा का उल्टा असर
अब 8 तारीख को यहां मुख्यमंत्री आ रहे हैं और आबकारी विभाग अपना रिकॉर्ड सही करने में लगा हुआ है. छोटे स्तर पर कच्ची शराब पकड़कर वाहवाही लूटी जा रही है. छोटे मोटे लोगों पर केस बनाकर राजस्व दिखाए जा रहा हैं. नर्मदा बचाओ आदोंलन के मदनलाल पिपलोदे ने बताया है कि कल नर्मदा जयंती है. यह हर साल मनाई जाती है लेकिन नर्मदा किनारे सीएम ने घोषणा की थी शराब बंद रहेगी. इसका उल्टा असर है. नर्मदा किनारे बकतरा से लेकर छिपानेर तक शराब बिक रही है और आबकारी विभाग कार्रवाई नहीं कर रहा है. सीएम साहब के क्षेत्र में यह स्थिति है तो अन्य नर्मदा किनारे के जिले के तो हाल और भी बुरे होगें.


खतरनाक हो सकती है अवैध शराब
कुछ जगह जहरीली शराब पीने से मौत हो चुकी है. इसके बावजूद सीहोर जिलें में बिना लाइसेंस के नर्मदा क्षेत्र में अवैध शराब का कारोबार फल फूल रहा है. थोड़े से मुनाफे के लिए लोगों की जान से खिलवाड़ चल रहा है. गलती से जहरीली शराब सप्लाई होने पर यहां बड़ी जनहानि की आशंका भी बनी रहती है. लाइसेंसी शराब ठेकेदारों की चुप्पी भी आश्चर्यजनक है. इसका सीधा नुकसान उन्हें हो रहा है लेकिन वे भी आबकारी अमले को लेकर यहां छापामार कार्रवाई करते नजर नहीं आते है.


जिला आबकारी अधिकारी कीर्ति दुबे का कहना है वर्तमान में जिले में कुल 71 दुकानें हैं जिनमें 57 देशी शराब की दुकानें और 14 देशी विदेशी शराब की दुकानें हैं. रहा सवाल नर्मदा किनारे तो लगातार शिकायतें मिलती हैं. हमारी टीम पहुंचकर कार्रवाई कर रही है और लगातार फिल्ड में अवैध शराब के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है.


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