Sehore Weather: सीहोर में तापमान और गिरने से बढ़ी ठिठुरन, जानिए अगले 3 दिन कैसा रहेगा मौसम
उत्तर पूर्व से आ रही बर्फीली हवाओं ने सीहोर जिले में ठंड बढ़ी है. पहाड़ी इलाकों में हुई जबरदस्त बर्फबारी के कारण अब यहां शीत लहर ने अपना तेज असर दिखाना शुरू कर दिया है.
Sehore Weather: सीहोर जिले में रविवार के बाद आज यानी सोमवार का दिन भी इस साल का सबसे ठंडा दिन रहा. इस दिन न्यूनतम तापमान 1.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ. जिसने साल में सबसे कम न्यूनतम तापमान होने का रिकार्ड दर्ज कर दिया. हालांकि अधिकतम तापमान 20.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ. न्यूनतम और अधिकतम तापमान में 20 डिग्री का अंतर भी वर्ष में पहली बार देखा गया. बता दें कि रविवार को तापमान 1.5 दर्ज हुआ था.
बर्फबारी के कारण शीत लहर
उत्तर पूर्व से आ रही बर्फीली हवाओं ने जिले में ठंड बढ़ी है. पहाड़ी इलाकों में हुई जबरदस्त बर्फबारी के कारण अब यहां शीत लहर ने अपना तेज असर दिखाना शुरू कर दिया है. यही कारण है कि रविवार को न्यूनतम तापमान इतना कम दर्ज हुआ. जिसने लोगों को गर्म कपड़े पहनने को तो मजबूर कर दिया. ठंड इतनी तेज थी कि उसके प्रभाव से बचने के लिए रूम हीटर का उपयोग भी अब शुरू हो गया है. साथ ही चौराहों और ग्रामीण क्षेत्र की चौपालों पर अलाव का सहारा लेने के लिए भी लोग विवश हो गए हैं.
बता दें कि मौसम विभाग ने भी शनिवार को इस बात की संभावना जताते हुए अलर्ट जारी किया था कि अगले 24 घंटे शीतलहर का प्रभाव रहेगा और मौसम के पूर्वानुमान के अनुसार ही कड़ाके की ठंड ने उपस्थिति दर्ज कराते हुए तेज बर्फीली हवाओं ने रविवार सोमवार को कोल्ड-डे बना दिया.
और कम होगा तापमान
रविवार को दर्ज हुए इस साल के सबसे न्यूनतम तापमान का असर शहरी क्षेत्र में भी रहा. वहां तेज ठंड ने अपना असर दिखाया. वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में जहां अक्सर हरियाली छायी रहती है वहां हरे-भरे खेतों में सुबह ओस की बूंदे जमकर बर्फ में तब्दील हो गईं थीं. अनेक खेतों में नजारा बर्फ की जमी हुई परत की तरह बहुत सुंदर दिखाई दे रहा था. इस मामले में आरएके कॉलेज में स्थित कृषि विज्ञान केन्द्र के मौसम वैज्ञानिक डॉ. एसएस तोमर का कहना है कि उत्तर-पूर्वी हवाओं के प्रभाव से न्यूनतम तापमान गिरा है और आने वाले दिनों में भी न्यूनतम तापमान कम दर्ज होने की संभावना है. जिसके कारण ठंड का प्रभाव बना रहेगा.
नुकसान और फायदे
श्री तोमर के अनुसार ऐसे मौसम में फसलों को फायदा भी है और नुकसान होने की आशंका भी बनी हुई है. तुअर सहित सब्जियों को इससे नुकसान रहेगा. नीबू और अमरूद को यह मौसम नहीं भाता है. बेर के पेड़ों में फूल आ रहे हैं जो इस मौसम को सहन नहीं कर सकते हैं जबकि जो फसल अभी आरंभिक स्टेज में है उसे अत्यधिक लाभ होगा.
सब्जियों पर खतरा
इस समय किसानों के खेतों में रबी सीजन की प्रमुख फसल गेहूं और चने के साथ मौसमी सब्जियों हैं. किसानों को इससे काफी उम्मीदें हैं, लेकिन न्यूनतम तापमान बहुत कम दर्ज होने और बर्फीली हवाएं चलने के कारण सब्जियों पर खतरा मंडरा रहा है. इसके साथ ही सर्वाधिक रकबे में चने की बोवनी हुई थी और फसल उम्मीद से ज्यादा बड़ी हो चुकी है ऐसे में चने की फसल खराब होने की आशंका काफी बढ़ गई है. जिन किसानों के खेतों में चने की फसल में फूल आ रहे हैं उन्हें ठंड से काफी नुकसान होगा.
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