Madhya Pradesh News: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने मध्य प्रदेश में सीहोर (Sehore) के इछावर में अपने ध्येय वाक्य को ही बदलकर रख दिया है. इछावर में बीजेपी ने 'जहां वोट नहीं, वहां रोड नहीं' ध्येय वाक्य को अपना लिया है. बताया जा रहा है कि इन दो दर्जन गांवों के ग्रामीण सड़क नहीं होने की वजह से यातनाओं भरे सफर करने के लिए मजबूर हैं. इसलिए सरकार का ध्यान केंद्रित करने के लिए करीब 12 गांव के लोग 10 किलोमीटर की पदयात्रा कर अनशन करेंगे.
सीएम शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) के गृह जिले के इछावर विधानसभा अंतर्गत ग्राम मोलगा से रामनगर की सड़क जर्जर हालत में है. इस सड़क से लगभग दो दर्जन से अधिक गांवों के ग्रामीणों का आवागमन होता है. यह सड़क इछावर से आष्टा को भी जोड़ती है. बीते चुनावों की बात करें तो ग्रामीणों के अनुसार इन गांवों से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवारों को कम वोट मिलते हैं. ग्राम पंचायत रामनगर से पिछली बार सरपंच भी कांग्रेस के समर्थित थे.
ग्रामीणों का मानना है कि यही कारण है कि करीब चालीस साल से भारतीय जनता पार्टी के ही विधायक करण सिंह वर्मा हमारे गांव में सड़क नहीं बनवा रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि ऐसा नहीं है कि इन गांवों से सभी वोट कांग्रेस को ही मिलते हैं जबकि ग्रामीण बीजेपी उम्मीदवारों को भी वोट करते हैं. ग्रामीणों का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी को इस तरह बदले की राजनीति नहीं करना चाहिए.
पदयात्रा कर अनशन पर बैठेंगे ग्रामीण
बीते कई सालों से सड़क के लिए परेशान ग्रामीणों के सब्र का बांध अब टूट गया है. बृजेश पटेल के नेतृत्व में सरकार को अपनी परेशानियों से अवगत कराने के लिए दो दर्जन से अधिक गांवों के ग्रामीण आज सोमवार को दस किलोमीटर की पदयात्रा कर ग्राम मोलगा में ही अनशन पर बैठेंगे. इन गांवों के ग्रामीण कांग्रेस नेता ब्रजेश पटेल के नेतृत्व में सडक के लिए आंदोलन करेंगे. दस किलोमीटर तक निकलने वाली यह यात्रा आज सुबह 11 बजे से शुरू होगी. जो रामनगर से मोलगा तक निकाली जाएगी और मोलगा में अनशन के रूप में परिवर्तन हो जाएगी.
40 साल से बीजेपी विधायक
बता दें कि सीहोर जिले की इछावर विधानसभा से करण सिंह वर्मा बीते सात बार के विधायक हैं. वे लगभग बीते एक दशक तक मंत्री भी रहे. हालांकि इस बार जरूर विधायक वर्मा मंत्रिमंडल में शामिल नहीं है. लगातार सात बार विधायक बनने के बाद 2013 के विधानसभा चुनाव में उन्हें कांग्रेस के उम्मीदवार शैलेन्द्र पटेल से हार का सामना करना पडा था लेकिन शैलेन्द्र पटेल की ग्रामीणों से बेहतर कनेक्टविटी नहीं रह पाने की वजह से साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में वापस करण सिंह वर्मा विधायक चुने गए.
ग्रामीणों का कहना है कि इतने लंबे समय तक विधायक रहने के बाद भी वर्मा उन्हें सड़क की समस्या से निजात नहीं दिला पा रहे हैं. इससे साफ जाहिर होता है कि भारतीय जनता पार्टी के विधायक वर्मा बदले की भावना से राजनीति कर रहे है. इसी से नाराज ग्रामीण अब पदयात्रा कर अनशन करने के लिए विवश हैं.
जब इस पूरे मामले को लेकर विधायक करण सिंह वर्मा से फोन पर चर्चा करना चाहा तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया. वहीं बीजेपी के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य भूपेंद्र सिसोदिया ने बताया है कि सड़क स्वीकृत हो गई है और टीएस और एएस लग चुकी है. जल्द ही टेंडर लगाकर काम लगने वाला है. यह सड़क जल्द ही बन जाएगी.