Sehore News: मध्यप्रदेश के सीहोर जिले में 497 ग्राम पंचायतों में तैनात चौकीदारों को दो माह से वेतन नहीं मिल पा रहा है. इसके कारण कई चौकीदारों को आर्थिक समस्याएं आ रही हैं. जिलेभर में चौकीदारों की संख्या 1000 से भी अधिक है. हालांकि इनका वेतन बहुत ज्यादा तो नहीं, लेकिन 400 रूपए से लेकर 4000 रूपए तक का वेतन इन्हें प्रत्येक माह मिलता है. इसके अलावा साल में दो बार वर्दी की राशि मिलती है.


क्या करते हैं चौकीदार
ग्राम पंचायतों में सरकार के निर्णय सहित अन्य सूचनाओें की मुनादी पिटना हो या राजस्व से संबंधित कोई मामला हो, इसके लिए ग्राम पंचायतों में तैनात चौकीदार अहम भूमिका निभाते हैं. वे ग्राम पंचायत के पहरेदार होते हैं, जो महत्वपूर्ण सूचनाएं तहसीलदार, पटवारी और थानों में पहुंचाते हैं. कई मामलों में चौकीदारों की सूचनाएं और इनके बयान भी महत्वपूर्ण होते हैं. चौकीदारों को तहसील कार्यालय से वेतन दिया जाता है, लेकिन सीहोर जिले के रेहटी तहसील में दो माह से इन चौकीदारों को वेतन नहीं मिल पाया है. इसके कारण ऐसे चौकीदार जो सिर्फ वेतन से ही अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं उन्हें परेशानियां आ रही हैं.


जिनके पास जमीन उन्हें कम वेतन
ग्राम पंचायतों के चौकीदारों को प्रत्येक माह वेतन मिलता है, लेकिन जिन चौकीदारों के पास जमीन है और वे उसपर खेती करते हैं उन्हें अलग-अलग वेतन दिया जाता है. जिनके पास जमीन नहीं है उन्हें प्रत्येक माह 4 हजार रूपए वेतन मिलता है. इसी तरह जिनके पास 10 एकड़ जमीन है उन्हें 400 रूपए, 7 एकड़ जमीन वालों को 600 रूपए, 2 एकड़ जमीन वालों को लगभग 1500 रूपए प्रत्येक माह वेतन मिलता है. इसी तरह साल में दो बार चौकीदारों को वर्दी की राशि दी जाती है. यह राशि 3800 और 3000 हजार होती है. इससे ही इन्हें अपनी जीविका चलानी होती है.


सीहोर की अपर कलेक्टर गुंजा सनोबर ने कहा कि, मेरे संज्ञान में मामला आया है, तत्काल दिखाती हूं ,वेतन की समस्या को लेकर रेहटी तहसीलदार से चर्चा करके समस्या का हल करवाते हैं. जिनको वेतन नही मिला है तत्काल वेतन देने को निर्देश दिए है 


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