Sehore News: सीहोर के ग्राम पंचायत तालपुरा में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री जन सेवा अभियान के तहत लाभाविन्त हितग्राहियों को प्रमाण पत्र दिया. कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री डेयरी प्लस योजना का भी शुभारंभ किया. उन्होंने चिह्नित हितग्राहियों से संवाद कर पशुपालन व्यवसाय की जानकारी ली और उज्जवल भविष्य की कामना की. मुख्यमंत्री डेयरी प्लस योजना के तहत हितग्राहियों को दो मुर्रा भैंस प्रदान की गई. उन्होंने मंच से आवेदनों का निराकरण करने के अधिकारियों को निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने आवेदकों की समस्याओं को सुना. उन्होंने मुख्यमंत्री जन सेवा अभियान के शिविर अधिकारियों को लगाने का निर्देश दिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि योजनाओं से लाभान्वित करने के लिए ही शिविर लगाए जा रहे हैं.
मुख्यमंत्री डेयरी प्लस योजना के हितग्राहियों से सीएम ने की बात
मुख्यमंत्री डेयरी प्लस योजना से लाभान्वित हितग्राही कमल किशोर पंवार, राकेश कटारे, रामकिशोर अहिरवार समेत अन्य से संवाद कर हालचाल जाना. मुख्यमंत्री ने तालपुरा सहित अन्य चार ग्राम पंचायतों में विशेष राजस्व शिविर आयोजित कर राजस्व संबंधी प्रकरणों का शत-प्रतिशत निराकरण कराने के निर्देश दिए. उन्होंने ग्राम पंचायत तालपुरा में नवीन उचित मूल्य दुकान खोलने की हिदायत दी. उन्होंने प्रधानमंत्री कृषक कल्याण योजना एवं मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि के हितग्राहियों को लाभ दिलाया जाना सुनिश्चित करने को भी कहा.
डेयरी व्यवसाय से प्रदेश के किसानों की आमदनी में होगी वृद्धि
कार्यक्रम में लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री, जिले के प्रभारी मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी, पशुपालन सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण विभाग के मंत्री प्रेम सिंह पटेल, लघु, सूक्ष्म, मध्यम उद्योग मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा, सांसद रमाकांत भार्गव सहित अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे. मुख्यमंत्री ने कहा कि डेयरी व्यवसाय से प्रदेश के किसानों की आय में वृद्धि करने के लिए मुख्यमंत्री डेयरी प्लस योजना का शुभारंभ किया गया है.
तीन जिलों में पायलेट प्रॉजेक्ट के तौर पर योजना की शुरुआत
डेयरी प्लस योजना पायलेट प्रॉजेक्ट के तौर पर प्रदेश के तीन जिलों सीहोर, विदिशा और रायसेन में शुरू की गई है. पहले से ही पशुपालन का कार्य कर रहे पशुपालकों को मुख्यमंत्री डेयरी प्लस योजना के तहत दो मुर्रा भैंस उपलब्ध कराई जा रही है. मुर्रा भैंस की दुग्ध उत्पादन क्षमता 10 लीटर प्रतिदिन की होती है. मुर्रा भैंसों की कीमत दो लाख 50 हजार रुपए होगी. योजना के तहत अनुसूचित जाति एवं जनजाति के पशुपालकों को प्रदेश सरकार 75 प्रतिशत अनुदान एवं पिछड़ा वर्ग और सामान्य श्रेणी के पशुपालकों को 50 प्रतिशत का अनुदान दिया जाएगा.
इस प्रकार अनुसूचित जाति एवं जनजाति के पशुपालकों को अंशदान के रूप में 62 हजार 500 रुपए, पिछड़ा वर्ग और सामान्य श्रेणी वालों को एक लाख 50 हजार रुपए जमा करने होंगे. इसमें पशुपालकों के आने-जाने का खर्च और बीमा की राशि भी शामिल है.
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