Sehore News: सीहोर में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के अल्टीमेटम के एक महीने बाद एबीपी न्यूज़ की टीम जैत गांव पहुंची. टीम ने जल जीवन मिशन की हकीकत और जिला प्रशासन की व्यवस्थाओं का जायजा लिया. इस बीच ग्रामीणों ने गंभीर आरोप लगाए. गौरतलब है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपनी पत्नी के साथ सीहोर जिले में अपने गांव जैत भाई दूज के मौके पर 6 नवंबर को पहुंचे थे. गांव में पानी की समस्या को लेकर सीएम ने पीएचई विभाग के अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई थी.


सीएम ने नाराजगी जताते हुए कहा था क्या ये मुख्यमंत्री का काम है चेक करना कि टोटी में पानी आ रहा या नहीं? सीएम ने पीएचई अफसरों से पूछा कि क्या कर रहे हो? मेरे क्षेत्र में ही पानी नहीं जा रहा है. एक एक आवेदन कहां तक देखेंगे? यह मेरा काम है क्या? एक साथ सारे आवेदन दे रहा हूं. 15 दिन में रिपोर्ट दो. अगर 15 दिन में काम नहीं हुआ तो तुम नहीं रहोगे. गड़बड़ी मिली तो सबको ठीक कर दूंगा. एक महीने बाद गांव में पहुंची एबीपी न्यूज़ की टीम को ग्रामीण महिलाओं ने बताया कि अधिकारी तो छोड़ो यहां जनप्रतिनिधि भी ध्यान नहीं देते हैं.




15 दिन का अल्टीमेटम सीएम भले ही देकर गए हों लेकिन नल की टोटी अब तक टूटी पड़ी है और पानी भी नहीं आ रहा है. ठेकेदार, अधिकारी की मिलीभगत से गरीबों को पीने के लिए पानी नहीं मिल पा रहा है. गांववालों का कहना है कि सीएम साहब को इन जैसे लापरवाह अफसरों को हटा देना चाहिए. जल जीवन मिशन के तहत आंगनबाड़ी, स्कूल में हैंड वॉश पानी की टंकी रखी गई जिससे बच्चों को हाथ धोने की व्यवस्था बनी रहे लेकिन हकीकत इसके विपरीत है. ठेकेदार की लापरवाही के कारण कहीं हैंडवॉश टूटे पड़े हैं तो कहीं आधे अधूरे हैं.


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