Sehore News: स्वच्छ भारत मिशन के तहत खुले में शौच पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने के लिए सरकार बड़ी रकम खर्च कर रही है. लेकिन सीहोर के ग्राम पचांयतों में बनाए गए सार्वजनिक सुलभ शौचालय अभी तक चालू नहीं हो पाए हैं. ऐसे में स्वच्छता अभियान पर सवाल उठने लगे हैं. गौरतलब है 2019-20 में जिला पंचायत से पांचों ब्लॉक में 40-40 सामुदायिक स्वच्छता परिसर का निर्माण कराया गया है. हर गांव में प्रति परिसर 3 लाख 44 हजार की राशि निर्माण पर खर्च हुई है. जिसमें बुधनी ब्लॉक में 6 और आष्टा में एक स्वच्छता परिसर अभी तक नहीं बना है जबकि 60 स्वच्छता परिसर में निर्माण शेष है. हालांकि जनप्रतिनिधि के शुभारंभ किए हुए करीब छह माह बीत गए हैं. हालत ये है कि कई जगह स्वच्छता परिसर में प्लास्टर गिर रहा है, तो अधिकतर जगह महिला-पुरुष वार्ड में ताले लटके हुए हैं. कई जगह पानी की टंकी नहीं रखी गई है. इतना ही नहीं आसपास गंदगी और कचरों का ढेर लगा हुआ है. भीड़-भाड़ वाले क्षेत्र में लोगों की सहूलियत के लिए बनाए गए सामुदायिक स्वच्छता परिसर उपयोगी साबित नहीं हो रहे हैं.


एबीपी न्यूज़ की टीम पड़ताल करने के लिए जिले के विशन खेड़ी गांव पहुंची जहां पर स्वच्छता परिसर पर ताला लटका मिला. ग्रामीण दुलीचंद महेश रमेश नागर का कहना है कि स्वच्छता परिसर का ताला किसी सामाजिक कार्यक्रम होने पर खुलता है. मुसाफिरों, हाट बाजार, शादी में आने वाले लोगों सहित ग्राम वासियों के लिए बनाए गए सुविधा घर का लाभ नहीं मिलने से अभी भी लोगों को खुले में शौच करना पड़ रहा है जिससे अनेक बीमारियां फैलने का खतरा है.


सरकार का उद्देश्य था कि सामुदायिक स्वच्छता परिसर का निर्माण गांव में स्वच्छता के लिहाज से मील का पत्थर साबित होगा, लेकिन सरपंच और सचिव की लापरवाही के चलते ग्रामवासी आज भी इस सुविधा से वंचित हैं और तो और गांव के बाहर खेत में शौचालय बना दिया गया. कई जगह बाहर से रंगरोगन करके छोड़ दिया गया है जबकि अंदर से काम अधूरा पड़ा है. कुछ जगहों पर पानी और सफाई की समस्या आ रही है. जिला पंचायत के सीईओ हर्ष सिंह ने आश्वासन दिया कि समस्याओं को दूर कर लिया जाएगा. उन्होंने बताया कि 23 सुविधा घरों का संचालन समूहों को दिया गया है. कुछ जगह हाल ही में शेष किश्त जारी की गई है और आष्टा में 37, इछावर में 10, भैरुंदा में 43, बुधनी में 15 और सीहोर में 29 नए स्वच्छता परिसर स्वीकृत होने के बाद निर्माण की तैयारी शुरू हो गई है.


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