Sehore News: देश के प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी का सपना है कि 2023 तक हर घर, स्कूल और आंगनवाड़ी में जल जीवन मिशन के तहत नल कनेक्शन कार्य पूरा कर लिया जाए. लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले में जल जीवन मिशन योजना में लापरवाही देखने को मिल रही है. जिले में करोड़ों की लागत से स्कूल, आंगनबाड़ी में जल जीवन मिशन के तहत हजारों छात्र-छात्राओं की प्यास बुझाने के लिए नल कनेक्शन किए जाने हैं, लेकिन निर्माण एजेंसी की लापरवाही मुसीबत बनती जा रही है. आधे से अधिक स्थानों पर आलम ये है कि जल जीवन मिशन के तहत लगे नल में मोटर नहीं डाली गई, कहीं पर कनेक्शन नहीं दिया गया. अगर कनेक्शन दिया भी गया है तो नल में पानी नहीं आ रहा है और नल कनेक्शन जहां पर दिए गए हैं वहां खुदाई करने के बाद मरम्मत तक नहीं की गई. नल कनेक्शन के पाइप खुले में पड़े होने से स्कूल भवन की दीवारें जगह-जगह से फटी नजर आ रही हैं.
कनेक्शन में नल के साथ-साथ हैंड वाश वाशिंग जगह जगह से टूटे पड़े हुए हैं. घटिया सामग्री का भी इस्तेमाल किया गया जिससे आने वाले समय में नल जल मिशन शो पीस बनकर रह जाएगी. निर्माण एजेंसी की तरफ से लगाए गए नल में पानी तो छोड़िए मोटर तक चालू नहीं हो रहा है. काम के दौरान टूट फूट तक दुरुस्त नहीं की गई है. केबिल लाइन तक को सड़क पर खुली छोड़ दिया गया है जिससे हादसों का डर बना हुआ है. 1600 स्कूल और 900 आंगनबाड़ी में जल जीवन मिशन के तहत बच्चों को शुद्ध जल उपलब्ध कराने के लिए काम किया जा रहा है. अभी तक 60 से 70 हजार रुपये प्रति कनेक्शन के हिसाब से 1200 स्कूलों ओर 600 आंगनबाड़ी में कनेक्शन किए जा चुके हैं.
कही आंगनबाड़ी, प्राथमिक शाला, माध्यमिक शाला एक ही परिसर में होने के बाद अलग-अलग कनेक्शन के साथ ही मोटर डाल दी गई. कई जगह सूखे बोर में भी मोटर डाल दी गई है. पाइप लाइन डालने के लिए खोदी गई स्कूल परिसर की सड़कें और दीवारों को ठीक नहीं किया गया है. कई जगह फिटिंग तो कई जगह वासबेसन और स्टैंड अधूरे हैं. इस मामले पर सरपंच से लेकर स्कूल, आंगनबाड़ी प्रबंधन जल जीवन मिशन के लिए किए जा रहे काम पर आपत्ति जता रहे हैं.
एक ही परिसर में आंगनबाड़ी, प्राथमिक शाला, माध्यमिक शाला होने पर नल कनेक्शन किए गए हैं, जिसमें बच्चों की संख्या के आधार पर जरूरत तो कहीं विभागीय बजट की बात पर बिजली बिल को लेकर विवाद की स्थिति बन रही है. पानी की टंकी भी छोटी रखी गई है, जो जल्द ही खाली हो जाती है. इतना ही नहीं पाइप लाइन बिछाने के लिए खोदी गई सड़क और दीवार की मरम्मत नहीं होने से खराब हो रहे हैं. वासबेसन के निकले पाइप को खुले में ही छोड़ दिया गया है, जिससे पानी नीचे फैल रहा है. जबकि जो पाइप डाले गए हैं, उसमें भी गहराइ का ध्यान नहीं रखा गया, उसके कारण सतह के ऊपर ही दिख रहे हैं.
जल जीवन मिशन में ग्रामीण आबादी के घरों सहित स्कूल एवं आंगनबाड़ी में भी पेयजल के लिए नल कनेक्शन दिए जा रहे हैं. लक्ष्य प्रत्येक ग्रामीण परिवार, आंगनबाड़ी, स्कूल में गुणवत्तापूर्ण और पर्याप्त जल की आपूर्ति सुनिश्चित किया जाना है. अब तक लगभग स्कूलों में 70 फीसद और आंगनबाड़ी में 50 फीसद नल से पेयजल की व्यवस्था की जा चुकी है. शेष रहे ग्रामीण परिवारों सहित आंगनबाड़ी और स्कूलों में भी नल से जलापूर्ति के काम लगातार जारी हैं. मिशन अंतर्गत योजना निर्माण में जन भागीदारी भी सुनिश्चित की गई है, जिससे ग्रामीणों में नलजल योजना को लेकर अपनत्व बना रहे, लेकिन ठेकेदार जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों को महत्व नहीं दे रहे हैं.
आधा-अधूरा काम कर शिक्षकों और आंगनबाड़ी से हस्ताक्षर कर एनओसी ले रहे हैं, जिससे जनप्रतिनिधियों के अलावा ग्रामीणों में गुणवत्ता को लेकर रोष है. ईई पीएचई एमसी अहिरवार ने कहा कि स्कूल और आंगनबाड़ी के बिजली बिल विवाद के चलते अलग-अलग कनेक्शन किए हैं, वहीं पाइप लाइन के लिए खोदी गई दीवारों और सड़क की मरम्मत कराइ जाएगी. ठेकेदारों को मरम्मत के लिए पैसा रोका गया है. सीहोर कलेक्टर चंद्रमोहन ठाकुर ने दो टूक कहा कि लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी. अगर कार्यों में अनियमितता पाई गई तो उसका दोबारा कार्य कराया जाएगा.
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