Sehore News: इन दिनों मोबाइल और गैजेट्स में दुनिया इस तरह डूब चुकी है कि उसे अपने पड़ोस में हो रही घटनाओं का कुछ भी पता नहीं होता. मोबाइल के कारण लोगों की किताबों से बहुत दूरी हो गई है. लेकिन कुछ जुनूनी पाठक खुद तो साहित्य से जुड़े हुए हैं साथ ही लोगों को भी पढ़ने के लिए प्रेरित कर रहे हैं. ऐसे ही एक जुनूनी पाठक हैं जो मध्य प्रदेश के सीहोर जिले में चाय बेचते हैं. गंज क्षेत्र के वार्ड नंबर 14 निवासी जितेंद्र राठौर 9 साल से चाय की दुकान चला रहे हैं. किताबें पढ़ने के शौकीन जितेंद्र दुकान से चाय के साथ किताबें भी बेच रहे हैं. उन्होंने इसकी शुरुआत दीवाली से की है. दीवाली पर मिठाइयों के साथ उन्होंने किताब भी बेची. 


सीहोर में किताबें पढ़ने के लिए प्रेरित कर रहा चायवाला


दरअसल, जितेंद्र को किताबें पढ़ने का बहुत शौक है. उन्होंने हाल ही में सीहोर के इतिहास पर शिवना प्रकाशन से प्रकाशित किताब उमेदा एक योद्धा नर्तकी को पढ़ा. किताब को शहर के ही लेखक आकाश माथुर ने लिखा है. पढ़ने के बाद उन्होंने सीहोर के इतिहास को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने का बीड़ा उठाया. लोगों का रुझान पैदा करने के उद्देश्य से उन्होंने इस किताब के साथ अन्य किताबें भी बेची. इसके लिए उन्होंने दुकान पर आने वाले लोगों से आग्रह किया. सीहोर के बस स्टैंड पर स्थित दुकान का नाम है 'सो नाइस'.




लोगों को साहित्य से जोड़ना और लेखकों को सराहना उद्देश्य


जितेंद्र अक्सर शिवना के कार्यालय से किताबें पढ़ने के लिए ले जाते हैं. साथ ही ऑनलाइन किताबें मंगवाकर भी पढ़ते हैं. उन्होंने बताया कि शहर में बुक स्टाल नहीं होने के कारण लोग साहित्य से दूर हो रहे हैं. उन्होंने नई पीढ़ी की दिलचस्पी नहीं होने पर अफसोस जताया. जितेंद्र ने कहा कि किताबों को बेचकर रुपये कमाना मेरा उद्देश्य नहीं है. आम लोगों के साथ युवा भी साहित्य से जुड़ें, यही मेरा मुख्य उद्देश्य है. इसके अलावा मेरा उद्देश्य लोगों की तरफ से लेखकों को सराहना दिलाना है.


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