Sehore News: सिलेंडर का दाम बढ़ा तो चूल्हे पर मिड डे मील बनाने की मजबूरी, महिलाओं ने कहा- प्रशासन का ध्यान नहीं
Sehore News: सीहोर में मिड डे मील भोजन परोसनेवाले स्वयं सहायता समूह पर भी महंगाई की मार पड़ गई है. गैस सिलेंडर का भाव बढ़ने से चूल्हों पर ही भोजन तैयार कर बच्चों तक पहुंचाना पड़ रहा है.
Sehore News: सीहोर में मिड डे मील भोजन परोसने वाले स्वयं सहायता समूह पर भी महंगाई की मार पड़ गई है. गैस सिलेंडर का भाव बढ़ने से चूल्हों पर ही भोजन तैयार कर बच्चों तक पहुंचाना पड़ रहा है. इसकी बानगी सरकारी स्कूल लालियाखेडी हरसपुर और जीवनताल में देखी जा सकती है. एबीपी न्यूज़ की टीम ने हरसपुर लालियाखेडी गांव पहुंचकर हकीकत जानने की कोशिश की. जांच पड़ताल के दौरान खुलासा हुआ कि गैस चूल्हे और सिलेंडर होने के बावजूद स्वयं सहायता समूह की महिलाएं चूल्हे पर भोजन बनाते हुए नजर आईं.
समूह की महिलाओं का कहना है गैस सिलेंडर का भाव 1000 होने से गैस नहीं भरा पाने में असमर्थ हैं क्योंकि शासन से गैस भरवाने की राशि नहीं मिली. इसलिए मजबूरी में चूल्हे पर खाना बनाना पड़ रहा है. ये भी देखा गया कि स्कूल में दर्ज बच्चों के हिसाब से कम भोजन बन रहा था. इससे स्पष्ट होता है कि मिड डे मील बनाने के नाम पर भी गड़बड़ी हो रही है. समूह की महिला कांताबाई ने बताया कि चूल्हे में धुएं से आंखें खराब हो रही हैं लेकिन प्रशासन और सरकार का इस तरफ ध्यान नहीं है.
गैस कनेक्शन भले ही है लेकिन गैस तो महंगी कर दी गई है. महिला ने सरकार से सिलेंडर के दाम गिरा देने की मांग की. डीपीसी सीहोर अनिल श्रीवास्तव ने गैस सिलेंडर नहीं भरवाने की शिकायत पर समूह की समस्या जल्द खत्म करवाने का वादा किया. गौरतलब है कि 17 साल पुरानी मध्याह्न भोजन योजना का मध्य प्रदेश सरकार ने नाम बदल दिया है. अब ये प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना (पीएम पोषण) के नाम से जानी जाती है. क्षेत्र सहित प्रदेश के सरकारी प्राथमिक, माध्यमिक स्कूलों में दोपहर के समय स्कूली बच्चों को मध्यान्ह्न भोजन योजना के तहत गर्म खाना दिया जाता है.