Sehore News: मध्यप्रदेश में इस समय धर्म की गंगा बह रही है. प्राचीन और आस्था के केन्द्र सभी शिव मंदिरों में इस समय विशेष पूजा-अर्चना का दौर जारी है. सीहोर जिले में इतने अधिक अति प्राचीन आस्था के केन्द्र हैं. जहां आराधना और दर्शन करने के लिए दूर-दूर से भगवान शिव शंकर के भक्त आते हैं. पौराणिक नगरी सिद्धपुरी के शिव मंदिरों की ख्याति देशभर में रही है. पार्वती नदी का संबंध भी शिव महिमा से जुड़ा हुआ है. शिवना के किनारे शिव मंदिरों का जिक्र होता रहा है. ऐसे में आज से लेकर महाशिवरात्रि तक शिव मंदिरों पर शिव भक्तों की भीड़ उमड़ती रहेगीं.
सीहोर में है सहस्त्रलिंगम महादेव का मंदिर
प्रदेश की राजधानी भोपाल के नजदीकी जिला मुख्यालय सीहोर का प्राचीन सहस्त्रलिंगम महादेव का मंदिर करीब 300 साल से अधिक पुराना माना जाता है. मान्यता है कि मंदिर में जो शिवलिंग स्थापित है वह सीवन नदी से निकला है.नदी से निकले इस स्वयंभू शिवलिंग के लिए नदी किनारे ही मंदिर का निर्माण कराया गया है.इस शिवलिंग में एक हजार शिवलिंग समाहित है और यही कारण है कि इस शिवलिंग का नाम सहस्त्रलिंगम महादेव है. बताया जाता है कि सहस्त्रलिंगेश्वर जैसा पूरे देश नेपाल कोटा और सीहोर में केवल तीन ही मंदिर है. इस मंदिर की प्रसिद्धि दूर-दूर तक है.मान्यता है कि शिवलिंग के दर्शन मात्र से सारी समस्याएं और कष्ट दूर हो जाते हैं.
एक हजार छोटे शिवलिंग से बना है बड़ा शिवलिंग
इस मंदिर के अंदर के शिवलिंग में एक हजार छोटे-छोटे शिवलिंग से एक बड़ा शिवलिंग बना है.यही कारण है कि इस शिवलिंग का नाम सहस्त्रलिंगेश्वर है. इन छोटे शिवलिंग को बड़े शिवलिंग पर आसानी से देखा जा सकता है. पाषाण निर्मित ये शिवलिंग नदी की खुदाई से निकला है और इसकी पहचान कई साल पुरानी बताई जाती है. मंदिर में शिवलिंग की स्थापना के समय शिवलिंग को तांबे से सुसज्जित कर स्थापित किया गया है. मंदिर के पुजारी सुरेश शर्मा बताते हैं कि अंग्रेजों के समय पास में ही सीवन नदी में खुदाई हो रही थी तभी यह शिवलिंग मिला. तब भी यह करीब 200 वर्षो से अधिक पुराना माना गया था. यहां शिवरात्रि और सावन में शिवलिंग के दर्शन के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं. महाशिवरात्रि में यहां विशेष पूजा का आयोजन भी होता है.हालांकि पिछले साल कोरोना संक्रमण के कारण यह संभव नहीं हो सका था.
देशभर से श्रद्धालु आते हैं दर्शन करने
इस मंदिर की ख्याति पूरे देश में है और देशभर के श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए आते हैं. आज से होगी महाशिवरात्रि तक विशेष श्रृंगार, सुबह से रात तक चलेंगे भजन मान्यता है कि महाशिवरात्रि का दिन महाशुभ होता है इसलिए इस दिन से विभिन्न शुभ कार्य की शुरुआत की जाती है. भगवान शंकर के जन्मदिवस के रूप में मनाए जाने वाला धार्मिक पर्व ‘महाशिवरात्रि’ पर्व को लेकर अभी से उत्साह देखा जा रहा है.सहस्त्रलिंगेश्वर महादेव मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहेगा. इसके साथ ही शिवभक्तों का भोले के अभिषेक का सिलसिला चलेगा. मंदिर पुजारी सुरेश शर्मा कहते हैं कि महाशिवरात्रि पर भगवान सहस्त्रलिंगेश्वर के अभिषेक के बाद भव्य श्रृंगार किया जाएगा.
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