(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Sehore News: सीहोर जिले में 32 स्व-सहायता समूह की महिलाएं चला रहीं राशन की दुकान, हुआ ये फायदा
Sehore News: सीहोर जिले की महिलाएं समूहों के माध्यम से काम शुरू कर आत्मनिर्भरता, सशक्तीकरण और समृद्धि की ओर बढ़ रही हैं. 32 स्व सहायता समूह की महिलाएं राशन की दुकान चला रही हैं.
Sehore News: सीहोर जिले की महिलाएं समूहों के माध्यम से काम शुरू कर आत्मनिर्भरता, सशक्तीकरण और समृद्धि की ओर बढ़ रही हैं. महिला स्व-सहायता समूह बनाकर सरकारी उचित मूल्य दुकान से राशन वितरण का काम किया जा रहा है. कुछ महिलाओं ने कोरोना काल में मास्क और पीपीई किट की सिलाई कर आमदनी की है. गांव में बांटे जाने वाले राशन की दुकान अब स्वय सहायता समूह की महिलाएं चला रही हैं. सीहोर की ग्राम पंचायतों में समूह की महिलाओं को दुकान का आवंटन भी हो चुका है. महिलाओं के दुकान चलाने से समूह को शक्ति मिलेगी और पात्रों को नियमानुसार राशन मिल सकेगा.
स्व सहायता समूह की महिलाओं के जिम्मे राशन दुकान
सीहोर जिले के कुड़ी गांव में स्वय सहायता समूह राशन वितरण कर रहा है. जिले में महिलाओं के 32 संगठन समूह संचालित हो रहे हैं. समूह के माध्यम से कई महिलाओं को स्वरोजगार मिला है. शासन के निर्देश पर अब समूह की महिलाएं गांव में वितरित होने वाले राशन की दुकान भी चला रही हैं. इसका उद्देश्य है कि पात्रों को नियमानुसार राशन बांटा जा सके और कोई विवाद खड़ा न हो. आजीविका मिशन के अधिकारी दिनेश बरवा ने बताया कि इन महिलाओं को राशन की दुकान से राशन वितरण करवाने का मकसद है रोजगार दिलाना. कोरोना महामारी के बीच उनके परिवार का रोजगार छिन गया था.
सरकार का मकसद है इन सब को रोजगार मिले और आत्मनिर्भर बनें. ये सपना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का है. उनके आत्मनिर्भर प्रोजेक्ट पर महिलाएं खुद अपने पैरों पर खड़ी हो रही हैं. महिलाएं रोजगार मिलने से बेहद खुश भी हैं. सीहोर जिले में करीब 7 महीने से लगातार 32 समूह राशन की दुकानों पर राशन वितरण कर रहा. सीहोर जिले में ये एक नया विचार है. शासन ने इसकी पहल करते हुए ग्राम पंचायत कुड़ी, बिछौली, पागरगांव में दुकानों का आवंटन कर दिया था. छह से सात महिला दुकान चला रही हैं. इससे महिला सशक्तीकरण को भी बढ़ावा मिल रहा है. ग्राम पंचायत कुड़ी में राशन को लेकर विवाद होता था. इससे उपभोक्ताओं को दिक्कत हो रही थी. ग्रामीणों ने इस संबंध में कई बार जिला पूर्ति अधिकारी को पत्र भी लिखा लेकिन अब समूह की महिलाओं के जरिए सचांलित होने के बाद विवाद खत्म और उपभोक्ताओं की परेशानी भी दूर हो गई है.