MP News: कोरोना काल के 2 साल बाद मध्य प्रदेश सरकार ने स्कूल खोलने का फैसला लिया. इसके बाद मध्य प्रदेश में स्कूल और कॉलेज 100 फीसदी क्षमता के साथ खुलने शुरू हो गए हैं. लेकिन मध्य प्रदेश के कई जिलों में आज भी कोरोना बीमारी के डर से बच्चे स्कूल नहीं पहुंच रहे हैं. सरकार भले ही कह रही है कि कोरोना का खतरा टल गया है लेकिन सरकार यह भी कह रही है कि जिन्होंने वैक्सीन की दूसरी डोज नहीं ली है वो भी जरूर लगवाएं. लेकिन सरकार ने बच्चों की पढ़ाई को देखते हुए स्कूल खोल दिए हैं. फिर भी अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल भेजने में डर रहे हैं. 


अभिभावक योगेंद्र माहेश्वरी ,सचिन माकरैया का कहना है कि अभी कोरोना का खतरा टला नहीं है. हमारे बच्चे घर से ही पढ़ाई करेंगे. एबीपी न्यूज़ की टीम ने मध्य प्रदेश के होशंगाबाद, देवास, भोपाल, सीहोर के आसपास स्कूलों की पड़ताल की तो वहां पर 20 प्रतिशत बच्चे स्कूल में दिखाई दिए टीचर भी कम थे. 80 प्रतिशत बच्चे कोरोना के डर से स्कूल नहीं आ रहे हैं. जबकि मध्य प्रदेश के तमाम शासकीय स्कूलों में मध्यान्ह भोजन की सामग्री और सामान 100 प्रतिशत पूरा पहुंच गया है. वही, कई जगह स्कूल, शौचालाय ,बाथरूम जर्जर टूटे-फूटे पड़े हैं.


शासकीय माध्यमिक शाला का लिया जायजा 


एबीपी न्यूज़ की टीम ने सीहोर जिले के इछावर शासकीय माध्यमिक शाला क्रमांक 2 में जाकर जायजा लिया तो वहां पर 10 से 15 बच्चे क्लास में बैठे हुए मिले. बाकी बच्चे कोरोना के डर से नहीं आए. टीचर प्रेम सिंह का कहना है कि जो बच्चे स्कूल नहीं आ रहे हैं, हम उनके पलकों से फोन पर चर्चा कर रहे हैं और उनको स्कूल बुला रहे हैं. रहा सवाल जर्जर भवन का तो हमने जिला प्रशासन को पत्र लिख दिया है कि बच्चों की क्लास पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो रही है. इसे जल्दी सही करवाए जाए. शौचालयों में भी जल्दी साफ सफाई और गेट लगवा दिए जाएंगे.


जिला शिक्षा अधिकारी ने कही ये बात 


जिला शिक्षा अधिकारी यूयू भिड़े का कहना है कि बच्चों के अभिभावकों से टीचर लगातार फोन पर संपर्क कर उन्हें स्कूल भेजने की अपील कर रहे हैं. वहीं, जहां जर्जर भवन शौचालय टूटे हैं, उनको जल्द ही सुधारे जाएंगे.


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