Sehore Ration Distribution Scam: सीहोर जिले के कोलार डेम क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले दर्जनों गांव के आदिवासियों को हर महीने का राशन नहीं मिल पा रहा है. आदिवासियों का कहना है कि सैल्समैन हमें तारीखों के फेर में गुमराह कर राशन बांटता है. सैल्समैन कभी 10 तारीख, कभी 25 तो कभी 28 तारीख को राशन बांटता है. तीन महीने में एक बार राशन बेच देता है और हमें आधा राशन देकर कहता है कि इस बार इतना ही आया है, लेना है तो लो नहीं तो यह भी अगले महीने से मिलना बंद हो जाएगा.
ग्रामीणों को नहीं पता लगता है कि कब आया राशन
केंद्र व मध्य प्रदेश सरकार गरीब आदिवासियों के लिए निशुल्क राशन वितरण की योजना चला रही है, लेकिन मध्यप्रदेश के सीहोर जिले में आदिवासी क्षेत्र झालपीपली, लोहापठार, अलीपुर पाठ बृजिशनगर में राशन की दुकानों पर बैठने वाले सेल्समैन और परिवहन करने वाले ठेकेदारों की मिलीभगत से आदिवासी लोगों के राशन में डाका डाला जा रहा है. चितां आदिवासी, लालू आदिवासी, रामकृष्ण आदिवासी आदि ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कहा है कि सैल्समैन आबिदाबाद से ट्रैक्टर में भर कर राशन लाता है. उसे गांव के बाहर ही खाली करवा लेता है ताकि किसी ग्रामीणों को राशन आने का पता ना लग सके.
ग्रामीण कहते हैं कि सैल्समैन का कहता है कि इस बार राशन अभी नहीं आया है. कुछ दिन बाद आएगा. ज्यादा पूछते हैं तो कहता है जो करना है कर लो. संस्था मेरी है, मैं ही सैल्समैन हूं, क्या कर लोगे. आदिवासी इसकी शिकायत कई बार कर चुके हैं, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई.
यह कहते है अधिकारी
एसडीएम इछावर विष्णु प्रसाद यादव ने इस पूरे मामले पर कहा कि हम खुद फील्ड में जाकर निरीक्षण करेंगे और सोसायटियों का कहीं कोई ऐसी लापरवाही दिखाई दी तो कार्रवाई की जाएगी.
यह भी पढ़ें-
दिल्ली में बन रहा है 'कुत्तों' का श्मशान गृह, इतना शुल्क देकर जानवरों का होगा अंतिम संस्कार