Rudraksh Festival: कौन हैं पंडित प्रदीप मिश्रा, सीहोर का रुद्राक्ष महोत्सव कैसे बन चुका है राजनीति का अखाड़ा? पूरी डिटेल
बुधवार को कांग्रेस का पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा से मिलने के लिए सीहोर पहुंचा. सीएम शिवराज के गृह जिले में कार्यक्रम रद्द होने का ठीकरा कांग्रेस, सरकार पर फोड़ रही है.
Politics over Rudraksh Festival: रुद्राक्ष महोत्सव स्थगित होने से शिवराज सरकार चौतरफा घिर गई है. कांग्रेस की इस मुद्दे पर तीखी प्रतिक्रिया आई है. पूर्व सीएम कमलनाथ और बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने आयोजन स्थगित होने पर सवालों की झड़ी लगा दी थी. आज कांग्रेस का पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा से मिलने के लिए सीहोर पहुंचा है.
सरकार को घेरने में कमी सीहोर के बीजेपी विधायक सुदेश राय ने पूरी कर दी. कार्यक्रम का जायजा लेने के दौरान राय की जुबान फिसल गई और मुंह से निकल गया 'पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा सीहोर के लिए दुखदाई है'. फिर क्या था, सरकार की साख बचाने के लिए गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा को मैदान में आना पड़ा. डैमेज कंट्रोल करने के लिए वीडियो कॉल पर प्रदीप मिश्रा से चर्चा करने के बाद नरोत्तम मिश्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. ऐसे हालात में सवाल होना लाजिमी है कि सीहोर का एक साधारण सा व्यक्ति कैसे अंतर्राष्ट्रीय कथावाचक बन गया?
सीहोर में कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल
कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल में पूर्व मंत्री और विधायक पीसी शर्मा, पूर्व विधायक रमेश सक्सेना, शैलेंद्र पटेल, जिला अध्यक्ष बलवीर सिंह तोमर और अवनीश भार्गव शामिल हैं. सीएम शिवराज के गृह जिले में कार्यक्रम रद्द होने का ठीकरा कांग्रेस सरकार पर फोड़ रही है. इससे पहले कमलनाथ ने कहा था कि शिवराज जी की सरकार, शिवराज जी का क्षेत्र और शिव ज्ञान की गंगा बहाने वाला 'शिव महापुराण और रुद्राक्ष महोत्सव' का 7 दिवसीय महाआयोजन दबाव डालकर पहले दिन ही स्थगित करा दिया गया.
नरोत्तम मिश्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि कथा पहले जैसे ही चल रही है. कथा बंद नहीं की गई है, व्यवस्थाएं ठीक हैं. मैंने खुद उन्हें दंडवत प्रणाम किया था और उन्होंने कहा था कि व्यवस्था अब ठीक हो गई है. आयोजन में भक्तों की बड़ी संख्या पहुंचने की वजह से सिर्फ रुद्राक्ष बांटने का कार्यक्रम बदला गया है. कमलनाथ जी जारी कथा में ट्वीट के जरिए अफवाह फैलाकर रुकावट डालने का काम कर रहे हैं. इससे पहले नरोत्तम ने पंडित प्रदीप मिश्रा से बात करने के बाद कहा था कि महाराज निवेदन कर रहा हूं कि प्रशासन की ओर से कोई दिक्कत तो नहीं है? कोई बात होगी तो बताइएगा, कोई भी आवश्यकता हो, आपके आशीर्वाद से ही सरकार है महाराज.
प्रदीप मिश्रा की कैसे बनी पहचान?
साल 1980 में सीहोर में पंडित प्रदीप मिश्रा का जन्म हुआ था. पंडित मिश्रा का दूसरा नाम रघुराम है. मिश्रा ने सीहोर से ही हाईस्कूल की पढ़ाई की है. ग्रेजुएट मिश्रा अंतरराष्ट्रीय कथावाचक होने के साथ आस्था चैनल पर भजन और आरती भी प्रस्तुत करते हैं. प्रदीप मिश्रा की यूट्यूब और फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर जबर्दस्त फैन फॉलोइंग है. मिश्रा पहले सीहोर में ही कथा और भजन करते थे. धीरे-धीरे शोहरत बढ़ती गई. आज अंतर्राष्ट्रीय कथावाचक की पहचान है. प्रदीप मिश्रा का सीहोर के प्रति गहरा लगाव है. इसलिए नाम के पीछे सीहोरवाला लगाते हैं.
28 फरवरी को सीहोर में रुद्राक्ष महोत्सव का आयोजन चल रहा था. 7 दिवसीय कथा में 15 लाख श्रद्धालुओं के शामिल होने का अनुमान था. 11 लाख लोगों को रुद्राक्ष बांटे जाने थे. लेकिन पहले ही दिन 3 लाख से ज्यादा श्रद्धालु पहुंच गए. इससे व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई. इंदौर-भोपाल स्टेट हाईवे पर करीब 6 घंटे तक जाम रहा. कथा सुनने आए श्रद्धालुओं की भीड़ के कारण हाईवे पर कई किलोमीटर लंबा जाम लग गया. प्रशासन ने कथावाचक से बात की. कथावाचक ने मंच से रोते हुए कथा स्थगित करने का एलान कर दिया. उन्होंने भावुक होकर कथा स्थगित करने के लिए ऊपर से बार-बार दबाव आने की बात कही. कथा स्थगित करते हुए उन्होंने कहा, "मुझे क्षमा करें, देश भर से आए श्रद्धालुओं के लिए मैं व्यवस्था नहीं कर पाया. अब रुद्राक्ष ऑनलाइन ही भेजेंगे".
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