Sehore News: चिंतामण गणेश मंदिर में भक्तों की प्रार्थना जल्द सुनते हैं गणपति बप्पा, ऐसा करने पर पूरी होती है हर मनोकामना
MP News: सीहोर का चिंतामण गणेश मंदिर देश के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है. कहते हैं कि यहां से कोई भी भक्त खाली हाथ नहीं लौटता.
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कोरोना महामारी के 2 साल के बाद बड़े धूमधाम से मध्य प्रदेश में गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जा रहा है. मंदिरों में भक्तों की भीड़ लगी है तो वहीं मध्यप्रदेश के तमाम जिलों गांव में गणेश प्रतिमाओं के लिए पंडाल सजाए गए. देशभर के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है सीहोर का चिंतामण गणेश मंदिर. कहते हैं यहां के गणेश जी प्रार्थना जल्दी सुनते हैं, चिंता दूर करते हैं व मुरादें पूरी करते हैं. यह चिंतामण गणेश भारत में स्थित चार स्वयंभू मूर्तियों में से एक माने जाते हैं.
सीहोर के गणपति के बारे में कहा जाता है कि भगवान गणपति आज भी यहां साक्षात मूर्ति रूप में निवास करते हैं. यह भी कहा जाता है कि बप्पा को यहां सच्चे मन से पूजने पर वे कभी भी अपने भक्तों को खाली हाथ नहीं जाने देते. इसी वजह से गणेश उत्सव के बाद भी यहां सालभर भक्तों का तांता लगा रहता है. माना जाता है कि इस मंदिर की चिंतामण गणेश की चार प्रतिमाएं देशभर में मौजूद मानी जाती हैं.
एक सवाई माधोपुर राजस्थान के रणथंभौर में, दूसरी उज्जैन में, तीसरी गुजरात के सिद्धपुर में और चौथी सीहोर में स्थित है. वही गणपति बप्पा के अनेक मंदिरों दर्शन आपने जरूर किए होंगे. लेकिन आज जिस मंदिर के बारे में हम आपको बता रहे हैं वह अपने आप में बेहद अद्भुत है. मंदिर में स्थापित गणेश की मूर्ति खड़ी हुई है.
यह जमीन के अंदर आधी धंसी है जिसकी वजह से आधी मूर्ति के दर्शन होते हैं. बताया जाता है कि यह स्वयंभू प्रतिमा है जिसकी वजह से यहां का प्रताप अन्य स्थानों से अधिक है. यह मंदिर सीहोर के पश्चिम.उत्तर कोण में स्थित है जो कि शुगर फैक्ट्री से पश्चिम में लगभग एक किलोमीटर दूरी पर गोपालपुर में मौजूद है और इसे चिंतामन सिद्ध गणेश मंदिर के नाम से जाना जाता है.
अनेक तपस्वियों ने यहां सिद्धि प्राप्त की है. इस मंदिर का निर्माण विक्रम संवत् में हुआ इसका इतिहास करीब 2000 वर्ष पुराना है. भगवान गणेशजी ने पुजारी को स्वप्र देकर कहा कि मैं खंडित नहीं हुआ हूं. स्वपन में भगवान ने चांदी के नेत्र लगाने को कहा जिसके बाद भगवान गणेश की मूर्ति में चांदी के नेत्र लगवाए गए.
इस दौरान विशाल यज्ञ का भी आयोजन किया गया था. बताया जाता है कि यहां आने वाले प्रत्येक भक्त की चिंता बप्पा हर लेते हैं यह स्थान सभी के संकट दूर करने वाला बताया गया है. मान्यता है कि यदि यहां उल्टा स्वास्तिक बनाया जाए तो सभी काम सिद्ध हो जाते हैं. इसकी वजह से यहां भक्तों का तांता लगा रहता है. गणेश उत्सव के दौरान यहां का उत्सव देखते ही बनता है.
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