(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
MP News: राज्य के पहले मनरेगा एकीकृत पार्क का Sehore में हुआ लोकार्पण, मॉडल के रूप में बनाए गये इस पार्क में कई चीजें हैं खास
Sehore: प्रदेश के पहले मनरेगा एकीकृत पार्क और कन्हैया गौशाला का सीहोर में विधायक करणसिंह वर्मा ने लोकार्पण किया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि सभी के विकास के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी है.
Sehore Kanhaiya Gaushala: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan), महिलाओं को स्व-सहायता समूह के माध्यम से सशक्त बनाने का काम कर रहे हैं. महिलाएं अब आत्मनिर्भर बन रही हैं और प्रदेश तथा देश के विकास में योगदान दे रही हैं. यह बात इछावर विधायक करण सिंह वर्मा ने कन्हैया गौशाला (Kanhaiya Gaushala) व मनरेगा अजीविका एकीकृत पार्क के लोकार्पण अवसर पर कही. उन्होंने कहा कि सामूहिक विकास में ही सबका विकास है, पूरे गांव का विकास है. हम सभी को प्रशासन के साथ मिलकर व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने में योगदान देना चाहिए. उन्होंने कहा कि स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने अपनी रचनात्मक गतिविधियों से उत्कृष्ट कार्य किए हैं, जो सभी के लिए अनुकरणीय है. विधायक करणसिंह वर्मा ने खेती में रासायनिक खाद के अत्यधिक उपयोग के नुकसान को बताते हुए सभी से जैविक खेती करने का आह्वान किया.
उन्होंने कहा कि गौशाला के सफलतापूर्वक संचालन के लिए आय का स्त्रोत भी स्थाई होना चाहिए. इस गौशाला की 28 एकड़ भूमि पर बागवानी, मत्स्य पालन, औषधीय खेती तथा उद्यानिकी से होने वाली आय से न केवल गौशाला का सफलतापूर्वक संचालन होगा, बल्कि स्व-सहायता समूह की महिलाओं की आमदानी का एक स्थाई जरिया बनेगा. विधायक करणसिंह वर्मा ने कहा कि यह गौशाला प्रदेश में एक मॉडल के रूप में तैयार की गई है. इसके लिए सभी संबंधित अधिकारी बधाई के पात्र हैं. विधायक करणसिंह वर्मा ने पौधारोपण भी किया.
आजीविका मिशन के माध्यम से महिलाएं आत्मनिर्भर हो रही हैं - कलेक्टर चद्रमोहन ठाकुर
कार्यक्रम में मौजूद कलेक्टर चंद्र मोहन ठाकुर ने कहा कि प्रशासन, स्व-सहायता समूह और जनप्रतिनिधियों के सहयोग से एक आदर्श गौशाला व आदर्श मनरेगा आजीविका एकीकृत पार्क बनाया गया है. इसे देखने के लिए न केवल प्रदेश सरकार के अधिकारी यहां आ रहे हैं बल्कि भारत सरकार के अधिकारी भी इस गौशाला को देखने आ रहे हैं. उन्होंने गौशाला और मनरेगा आजीविका एकीकृत पार्क के बेहतर प्रबंधन के लिए स्व-सहायता समूह की महिलाओं को धन्यवाद देते हुए कहा कि उनके प्रयासों से ही यह आदर्श गौशाला बन पाई है. जिले के अन्य स्थानों पर भी इसी तरह की गौशाला एवं मनरेगा अजीविका एकीकृत पार्क बनाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि बहुत सुंदर ढंग से औषधि पौधे, बागवानी, मत्स्य पालन तथा चारागाह तैयार किया गया है.
कलेक्टर चद्रमोहन ठाकुर ने कहा कि आजीविका मिशन के माध्यम से महिलाओं में आत्मविश्वास आया है और वह घर से बाहर आकर न केवल परिवार को चलाने में आर्थिक योगदान दे रही हैं, बल्कि अपनी एक अलग पहचान बना रही हैं. उन्होंने कहा कि यह गौशाला अन्य जिलों व प्रदेश के लिए अनुकरणीय होगी.
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समूह की महिलाओं की आजीविका के लिए मिला स्थाई साधन- जिला पंचायत सीईओ
जिला पंचायत सीईओ हर्ष सिंह ने कहा कि समूह की महिलाओं की आजीविका के लिए स्थाई साधन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से गौशाला के साथ में मनरेगा आजीविका एकीकृत पार्क विकसित किया गया है. इसे विकसित करने में समूह की महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है. उन्होंने कहा कि अनेक गौशालाएं ऐसी हैं जिनका स्थाई आय का स्त्रोत नहीं होने के कारण बेहतर ढंग से नहीं चल पा रही हैं. गौशालाओं के बेहतर प्रबंधन और संचालन के लिए आय के स्त्रोत का स्थाई होना आवश्यक है. इसके लिए व्यापक स्तर पर अनेक गतिविधियां संचालित की जाएं. भाऊखेड़ी की गौशाला की 28 एकड़ भूमि में बागवानी, उद्यानिकी, कृषि, मत्स्य पालन एवं औषधि खेती की जा रही है. इससे निश्चित ही न केवल गौशाला का बेहतर ढंग से संचालन होगा, बल्कि समूह की महिलाओं की आमदनी भी बढ़ेगी.
इस गौशाला की खास बातें
भाऊखेड़ी की गौशाला मॉडल गौशाला के रूप में तैयार की गई है. इस गौशाला को प्रदेश सरकार एवं भारत सरकार के कई अधिकारी आकर देख चुके है. गौशाला के साथ ही 28 एकड़ भूमि पर एकीकृत मनरेगा पार्क विकसित किया गया है. इसमें गौशाला की गायों के लिए चारागाह भी तैयार किया गया है. यह पार्क आजीविका मिशन के माध्यम से स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने तैयार किया है. महिलाओं को गोमूत्र से कीटनाशक तैयार करने तथा गो कास्ट बनाने का प्रशिक्षण दिया गया है. इसके साथ ही जैविक खाद भी तैयार किया जाता है. उद्यानिकी में थाई अमरुद एक साल में फल देने लगता है. लहसुन, प्याज, नींबू के पौधे, सीताफल के पौधे एवं मुनंगा सब्जियां लगाई गई. औषधि खेती में तुलसी अश्वगंधा एलोवेरा लगाए गए है.
कई तरह की फल और सब्जियां भी की जा रही विकसित
भाऊखेड़ी की गौशाला मॉडल गौशाला के रूप में तैयार की गई है. इस गौशाला को प्रदेश सरकार एवं भारत सरकार के कई अधिकारी आकर देख चुके है. गौशाला के साथ ही 28 एकड़ भूमि पर एकीकृत मनरेगा पार्क विकसित किया गया है. इसमें गौशाला की गायों के लिए चारागाह भी तैयार किया गया है. यह पार्क आजीविका मिशन के माध्यम से स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने तैयार किया है. महिलाओं को गोमूत्र से कीटनाशक तैयार करने तथा गो कास्ट बनाने का प्रशिक्षण दिया गया है. इसके साथ ही जैविक खाद भी तैयार किया जाता है. उद्यानिकी में थाई अमरुद एक साल में फल देने लगता है. लहसुन, प्याज, नींबू के पौधे, सीताफल के पौधे एवं मुनंगा सब्जियां लगाई गई. औषधि खेती में तुलसी अश्वगंधा एलोवेरा लगाए गए है.
इस गौशाला को प्रदेश सरकार एवं भारत सरकार के कई अधिकारी आकर देख चुके है.गौशाला के साथ ही 28 एकड़ भूमि पर एकीकृत मनरेगा पार्क विकसित किया गया है. इसमें गौशाला की गायों के लिए चारागाह भी तैयार किया गया है. यह पार्क आजीविका मिशन के माध्यम से स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने तैयार किया है. महिलाओं को गोमूत्र से कीटनाशक तैयार करने तथा गो कास्ट बनाने का प्रशिक्षण दिया गया है. इसके साथ ही जैविक खाद भी तैयार किया जाता है. उद्यानिकी में थाई अमरुद एक साल में फल देने लगता है. लहसुन, प्याज, नींबू के पौधे, सीताफल के पौधे और मुनंगा सब्जियां लगाई गई हैं. औषधि खेती में तुलसी अश्वगंधा एलोवेरा लगाए गए हैं.
ड्रिप इरिगेशन
यहां ड्रिप इरिगेशन की भी व्यवस्था कराई गई है ताकि पानी की एक-एक बूंद का उपयोग किया जा सके, साथ ही जल संरक्षण और बेहतर जल प्रबंधन किया जा रहा है. गौशाला व मनरेगा एकीकृत पार्क से गांव की स्व-सहायता समूह की 184 महिलाओं को रोजगार मिला है. इन 184 महिलाओं के परिवार में 900 सदस्य है. इसके साथ ही यहां तैयार किए जा रहे गो कास्ट का विक्रय किया जाएगा. जिससे पर्यावरण का संरक्षण होगा. कार्यक्रम में अनेक योजनाओं के हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया.
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