(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Bhopal News: सौतेले पिता को मिला दंड, नाबालिग बेटी से दुष्कर्म मामले में अदालत ने सुनाई उम्रकैद की सजा
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के सीहोर में सौतेली नाबालिग बेटी के साथ कुकर्म करने वाले आरोपी को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. बता दें कि चाईल्ड हेल्पलाइन की मदद से आरोपी का पर्दाफाश हो सका.
Step Father Raped Minor Daughter: अपनी ही सौतेली नाबालिग बेटी के साथ कुकर्म करने वाले आरोपी को न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. अब अपराधी मरते दम तक जेल की सलाखों के पीछे ही रहेगा. दुष्कर्म करने वाला सौतेला पिता चाईल्ड हेल्प लाइन नंबर 1098 की मदद से सलाखों के पीछे पहुंच सका है. मामला राजधानी भोपाल के नजदीकी सीहोर जिले का है.
विशेष लोक अभियोजक पंकज रघुवंशी के अनुसार फरियादी पीड़िता की मां ने थाना बुदनी आकर रिपोर्ट कराई कि उसके पहले पति से मेरे दो बच्चे हैं, बड़ी बच्ची 11 वर्ष और छोटा लड़का 10 वर्ष का है. पिछले सात सालों से वर्तमान में मैं अपने दूसरे पति दीपक पिता विजय उम्र 22 साल के साथ रहती हूं. पीड़िता की मां ने बताया कि सुमित गौर और दीपक रोहेला चाइल्ड हेल्प लाईन 1098 से मेरे घर पर आए. उस समय मेरा दूसरा पति दीपक घर पर नहीं था.
चाइल्ड हेल्पलाइन की मदद से आरोपी का पर्दाफाश
पीड़िता की मां कहती है कि दीपक सर और सुमित सर ने मुझे बताया कि हम आपके पास चाइल्ड हेल्प लाइन के माध्यम से आए हैं. हमें जानकारी मिली है कि आपकी बच्ची के साथ उसके सौतेले पिता दीपक ने बुरा काम किया गया है, फिर मैंने बच्ची से पूछा तो उसने दीपक और सुमित सर के सामने मुझे बताया कि जब मम्मी घर पर नहीं रहती हैं तो मेरे सौतेले पापा मेरे साथ गंदा काम करते हैं और धमकाते हैं कि मम्मी को बताया तो जान से खत्म कर दूंगा. 23 फरवरी 2021 को भी दोपहर 12 बजे मेरे सौतेले पिता ने गंदा काम किया था, आखिरी बार एक मार्च 2021 को मेरे भी सौतेले पिता ने गलत काम किया था. इससे मैंने चाइल्ड हेल्पलाइन पर शिकायत करवाई. इसके बाद बुदनी थाने में रिपोर्ट दर्ज की गई.
न्यायालय ने माना दोषी
बता दें कि इस मामले में आज विशेष न्यायाधीश मनीष लौवंशी की अदालत ने फैसला सुनाते हुए दीपक पिता विजय कुमार 32 वर्ष निवासी वार्ड क्रमांक 14 माना बुदनी को दोषी सिद्ध पाते हुए उम्र कैद की सजा और अर्थदंड से दंडित किया है. न्यायालय ने आरोपी दीपक कुमार पिता विजय कुमार को धारा 323 में एक वर्ष का सश्रम कारावास और 500 रुपए के अर्थदंड से दंडित किया. इसी तरह धारा 506 में छह माह का सश्रम कारावा, 500 रुपए अर्थदंड और धारा 376 (2) (ए) (बी) समाविष्ट धारा 376 (2) (एन) 376 (2) (आई)376(2)(एफ)5/6 पॉक्सो अधिनियम की धारा में आजीवन कारावास (जिसका अर्थ व्यक्ति के शेष प्राकृतिक जीवन से है) और 5000 रुपए अर्थदंड से दंडित किया है.
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