MP Seventh Tiger Reserve News: मध्य प्रदेश को एक और टाइगर रिजर्व की सौगात मिलने वाली है. प्रोजेक्ट टाइगर की 50वीं वर्षगांठ पर बुंदेलखंड इलाके के नौरादेही-दुर्गावती सेंचुरी को प्रदेश का सातवां टाइगर रिजर्व घोषित करने की तैयारी है. नौरादेही सेंचुरी में अभी 12 टाइगर मौजूद हैं, जिनमें 3 नर और 9 मादा है. इन्हें 2018 में बांधवगढ़ से लाकर बसाया गया था. मध्य प्रदेश में फिलहाल 6 टाइगर रिजर्व हैं. राज्य में सतपुड़ा, पन्ना, पेंच, कान्हा, बांधवगढ़ और संजय-दुबरी टाइगर रिजर्व के साथ 5 नेशनल पार्क और 10 सैंक्चुअरी भी है.


यह जगह होगा नया टाइगर रिजर्व


राज्य सरकार के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि शिवराज सरकार नवंबर में विधानसभा चुनाव से पहले देश की पहली नदी जोड़ो परियोजना केन-बेतवा लिंक प्रोजेक्ट को शुरू कराना चाहती है. राज्य के जैव विविधता बोर्ड ने पांच माह पहले अक्टूबर में नौरादेही और रानी दुर्गावती सेंचुरी को टाइगर रिजर्व बनाने की मंजूरी दे चुका है. हाल ही में वन विभाग ने टाइगर रिजर्व की स्वीकृति का प्रस्ताव राज्य सरकार के पास भेजा है.


केन-बेतवा प्रोजेक्ट को जल्द से जल्द वाइल्ड लाइफ क्लीयरेंस दिलाने के लिए राज्य सरकार का प्रोजेक्ट टाइगर की 50वीं वर्षगांठ पर एक नया टाइगर रिजर्व का तोहफा देने की तैयारी है. यह टाइगर रिजर्व भी बुंदेलखंड की धरती पर सागर-दमोह के जंगलों में आकार लेगा. नौरादेही वाइल्ड लाइफ सेंचुरी और वीरांगना दुर्गावती वाइल्ड लाइफ सेंचुरी को मिलाकर नए टाइगर रिजर्व का कोर एरिया बनाया जाएगा. 1 अप्रैल 2023 को प्रोजेक्ट टाइगर रिजर्व को 50 वर्ष पूरे हो चुके हैं.


क्यों बनाया जा रहा नया टाइगर रिजर्व?


बता दें कि केंद्रीय वाइल्ड लाइफ बोर्ड ने केन-बेतवा लिंक प्रोजेक्ट से पन्ना नेशनल पार्क को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए मध्य प्रदेश में एक नया टाइगर रिजर्व बनाने की शर्त रखी है. इसको पूरा हुए बिना केन-बेतवा लिंक प्रोजेक्ट को फाइनल वाइल्ड लाइफ क्लीयरेंस नहीं मिलेगी. इस प्रोजेक्ट से पन्ना पार्क का 46 फीसदी हिस्सा (6017 हेक्टेयर) डूब और निर्माण से प्रभावित हो रहा है.


करीब 45 हजार करोड़ की केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के बड़े भू-भाग की तस्वीर बदलने वाली है. इससे दोनों राज्यों के बुंदेलखंड इलाके की करीब 10 लाख हेक्टेयर जमीन पर सिंचाई हो सकेगी और 62 लाख लोगों को पीने का साफ पानी मिल सकेगा. इस प्रोजेक्ट के तहत 103 मेगावाट हाइड्रो पावर और 27 मेगावाट की क्षमता वाला सोलर प्लांट बनाया जाएगा. परियोजना से उद्योग-धंधों को बढ़ावा मिलेगा, जिससे युवाओं के लिये रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और बुंदेलखंड से पलायन भी कम होगा.


केन-बेतवा लिंक परियोजना से फायदा


केन-बेतवा लिंक परियोजना में मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के 13 जिले आते हैं. इनमें मध्य प्रदेश के 9 जिले पन्ना, टीकमगढ़, छतरपुर, सागर, दमोह, दतिया, विदिशा, शिवपुरी और रायसेन शामिल हैं. वहीं उत्तर प्रदेश के बांदा, महोबा, झांसी और ललितपुर जिले हैं. इस पूरी योजना से इन सभी जिलों को पेयजल के साथ सिंचाई में लाभ होगा, जिससे करीब साढ़े नौ लाख किसानों को फायदा पहुंचेगा.  


ये भी पढ़ें: MP News: सड़क किनारे टेंट लगाकर शराब बेच रहे कारोबारी, कार्रवाई करेगा आबकारी विभाग, जानें- पूरा मामला