भोपाल: सात और आठ मार्च की दरम्यानी रात को राजधानी भोपाल के कब्रिस्तानों में इस्लाम धर्म के लोग शब-ए-बारात (Shab-e-Barat 2023) पर अपनों की याद में दुआ करेंगे. शब-ए-बारात को लेकर राजधानी भोपाल के कब्रिस्तानों में साफ-सफाई और रोशनी की व्यवस्था की गई है. इस्लामिक कैलेंडर के माह-ए-शाबान को बहुत मुबारक महीना माना जाता है. यह इस्लामिक कैलेंडर का आठवां महीना होता है. ऐसी मान्यता है कि शब-ए-बारात में इबादत करने वाले के गुनाह माफ हो जाते हैं.
शब-ए-बारात कब है
कल सात मार्च को शबे बारात है. मंगल-बुधवार की दरम्यानी रात मुस्लिम धर्म के लोग कब्रिस्तानों में पहुंचकर अपनों की याद में दुआ करेंगे. मंगल-बुधवार की दरम्यानी रात मस्जिदों में काफी लोग पहुंचेंगे. बता दें राजधानी भोपाल में 30 अधिक कब्रिस्तान, जबकि साढ़े तीन सौ से अधिक मस्जिदें हैं.
महत्वपूर्ण होती है शब-ए-बारात पर की गई इबादत
उलेमा के मुताबिक इस्लामिक महीने शाबान के 14 और 15 तारीख के बीच की रात को शब-ए-बारात कहा गया है. बताया जाता है कि इस रात में की गई इबादत बाकी दिनों की इबादत से महत्वपूर्ण होती है. शहर काजी मुश्ताक अली नदवी के अनुसार इस रात दुआ कर अपने गुनाहों की माफी मोंगें. बेहतरी के रास्ते पर हम चल सके इसकी दुआ करें. शहर काजी ने मुस्लिम युवाओं से कहा कि घूमने फिरने में समय बर्बाद न कर इस समय को इबादत में लगाएं. अपनों की याद में दुआ करें.
इस्लामिक कैलेंडर के माह-ए-शाबान को बहुत मुबारक महीना माना जाता है. यह इस्लामिक कैलेंडर का आठवां महीना होता है. बताया जाता है कि शब-ए-बारात में इबादत करने वाले लोगों के सारे गुनाह माफ हो जाते हैं. इसलिए लोग शब-ए-बारात में लोग रात भर जागकर अल्लाह की इबादत करते हैं और उनसे अपने गुनाहों की माफी मांगते हैं.
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