Shahdol News: मध्य प्रदेश के शहडोल जिले के जैतपुर थाना प्रभारी दयाशंकर पाण्डेय और उनके पर्सनल ड्राइवर गौरीशंकर मिश्रा की मुश्किलें तब बढ़ गईं, जब उन्हें लोकायुक्त ने रिश्वत लेते पकड़ लिया. लोकायुक्त रीवा की टीम ने बीते गुरुवार की देर शाम 16 हज़ार रुपये की रिश्वत लेते दोनों को रंगे हाथ दबोचा. बताया जा रहा है कि टीआई दयाशंकर पांडेय दो महीने बाद रिटायर होने वाले हैं, लेकिन उससे पहले ही उनके ऊपर रिश्वतखोरी के आरोप लग गए हैं. अब पुलिस उनके खिलाफ कार्रवाई कर रही है.


केस दर्ज न करने के एवज में मांगी रिश्वत
लोकायुक्त एसपी गोपाल सिंह धाकड़ ने जानकारी देते हुए बताया है कि जैतपुर तहसील अंतर्गत ग्राम कोटरी निवासी अभयनंद पाण्डेय ने निरीक्षक दयाशंकर पांडेय के खिलाफ रिश्वत मांगने की शिकायत की थी.
उनका कहना था कि एक महिला ने अभयनंद पांडेय के खिलाफ एससी-एसटी के मामले में शिकायत जैतपुर थाने में दर्ज करवाई थी. एससी-एसटी केस के तहत महिला द्वारा की गई शिकायत पर एफआईआर दर्ज न करने के एवज में टीआई ने 30 हजार रुपये रिश्वत की मांग की. टीआई पांडेय द्वारा मांगी जा रही इस रिश्वत के खिलाफ अभयनंद पांडेय ने लोकायुक्त रीवा से शिकायत की और बताया कि टीआई उन्हें पैसों के लिए तंग कर रहे हैं.


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दो किस्तों में ले रहे थे रिश्वत, पकड़े गए
मामले में तस्दीक कराए जाने पर शिकायत सही पाई गई. टीआई पांडेय के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 एवं संशोधित अधिनियम 1918 की धारा 7 के तहत अपराध दर्ज कर यह कार्रवाई की गई. लोकायुक्त रीवा के निरीक्षक जिया उल हक ने बताया कि लोकायुक्त की 12 सदस्यीय टीम ने टीआई दयाशंकर पांडेय को 16 हजार रुपए घूस लेते ट्रैप कर लिया. टीआई ने 30 हजार रुपये घूस की मांग की थी. 14 हजार की एक क़िस्त लेने के बाद 16 हजार रुपये की दूसरी क़िस्त लेते समय उन्हें पकड़ा गया.