Shahdol Patwari Murder: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के शहडोल (Shahdol) जिले में रेत माफिया के हाथों जान गंवाने वाले पटवारी की मासूम बेटी ने शासन-प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं. 12 साल की बेटी ने पूछा कि अवैध खनन रोकने गए पटवारियों के साथ पुलिस क्यों नहीं थी? बेटी का यह भी सवाल है कि पटवारी की नाइट ड्यूटी क्यों लगाई गई? उसने कहा कि यदि पुलिस साथ होती तो उसके पापा बच जाते. वैसे, इस वक्त पूरा परिवार सदमे में है और सभी का रो-रो कर बुरा हाल है.
दरअसल, शहडोल में रेल माफिया द्वारा ट्रेक्टर से कुचलकर मारे गए पटवारी प्रसन्न सिंह की बेटी प्रिया सिंह का घटना के तीसरे दिन मंगलवार को बेहद भावुक कर देने वाला एक वीडियो वायरल हुआ है. इसमें प्रिया ने कहा कि रात में पटवारियों को खनन रोकने जैसे काम पर भेजा जाता है, तो सुरक्षा के लिए पुलिस बल साथ क्यों नहीं जाता है? पटवारी का काम अलग है. फिर उसे रात में ड्यूटी के लिए क्यों भेजा गया. प्रिया ने यह भी मांग की है कि उसके और उसके परिवार पर जो बीती है, आगे इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न हो ऐसी व्यवस्था शासन द्वारा की जाए.
शहडोल कलेक्टर ने भी रखा पक्ष
इस मामले शहडोल कलेक्टर वंदना वैद्य का पक्ष भी सामने आया है. उन्होंने मीडिया में कहा कि घटना की शाम एसडीएम सहित माइनिंग के बड़े अधिकारी मौके पर थे. पटवारियों को सिर्फ मौके का मुआयना करने के लिए भेजा गया था कि कहीं रेत का अवैध भंडार मिले तो उसे जब्त कर सकें. दुर्भाग्य से दल का सामना खनन माफिया से हो गया और ये घटना हुई. बताया जाता है कि शहडोल में 32 रेत खदानें हैं. जिले के रेत खनन का निजी संमूह का टेंडर अगस्त 2023 में खत्म हो गया था.
पटवारी हत्याकांड मामला पकड़ रहा तूल
जून और अगस्त में निकले टेंडर रद्द हो गए, क्योंकि एक-एक ही बिड आई थी. 27 सितंबर को फिर टेंडर निकाला गया. फिलहाल ठेका न होने से अवैध खनन तेजी से चल रहा है. अधिकारी चुनाव कार्यों में भी व्यस्त हुए तो निगरानी भी घट गई. वहीं शहडोल में ब्यौहारी तहसील के देवलोंद थाना क्षेत्र अंतर्गत पटवारी हत्याकांड का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है. पटवारी प्रसन्न सिंह बघेल को जिस तरह से रेत माफिया ने ट्रैक्टर से कुचलकर मौत के घाट उतार दिया, उसके बाद से अब जिले का पटवारी संघ भी लामबंद हो गया है.
शहडोल में जिले भर से एकत्रित हुए पटवारियों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है. साथ ही ब्यौहारी एसडीएम और तहसीलदार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. पटवारी संघ का कहना है, बिना सुरक्षा के पटवारियों को भेजा गया, जो गलत है.
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