Watch: शहडोल के इस स्कूल में छाता लगाकर पढ़ाई कर रहे विद्यार्थी, लगातार टपकते पानी से टीचर भी...,वीडियो वायरल
MP News: शहडोल जिले में एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें एक सरकारी स्कूल में बच्चे टपकती छत के नीचे छाता लगा कर पढ़ाई कर रहे हैं. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
Shahdol Viral Video: मध्य प्रदेश के आदिवासी जिले शहडोल से 'छाता स्कूल' का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है. इसमें देखा जा सकता है कि बच्चे टपकती हुई छत के बीच छाता लगाकर क्लास में बैठे हैं. जिले के जिम्मेदार अधिकारी भी स्वीकार कर रहे हैं कि बहुत सारे ऐसे भवन हैं,जो लीक कर रहे हैं. वे कह रहे हैं कि इंजीनियर भेजकर उनकी मरम्मत के प्रयास किये जा रहे हैं.
वीडियो में देखा जा सकता है कि स्कूल भवन की छत से पानी टपक रहा है.बच्चे कक्षा के अंदर छाता लेकर पढ़ाई कर रहे हैं.स्कूल का भवन पूरी तरह से जर्जर हो चुका है.
यहां बताते चलें कि शहडोल जिले में एक वीडियो वायरल हुआ है,जिसमें एक सरकारी स्कूल में बच्चे टपकती छत के नीचे छाता लगा कर पढ़ाई कर रहे हैं. यह वीडियो गोहपारू ब्लॉक के भुरसी गांव के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय का है. एक मिनट 9 सेकेंड के वीडियो में कमेंट्री भी सुनी जा सकती है,जो स्कूल की दुर्दशा के बारे में है. वीडियो में पांच छात्र-छात्राओं को छाता लगाकर पढ़ाई करते देखा जा सकता है. बताया जाता है कि वीडियो दो दिन पुराना है.
इस मामले में जनजातीय कार्य विभाग के सहायक आयुक्त आनंद राय सिन्हा के मुताबिक जिले में बहुत सारे ऐसे भवन हैं,जो लीक कर रहे हैं. यहां इंजीनियरों को भेजा गया है.उन्होंने कहा कि 2 दिन पहले ही निर्देश दिए गए थे कि जर्जर भवन में बच्चों को ना बैठाया जाए. बच्चों का स्वास्थ्य और सुरक्षा बहुत जरूरी है.
दरअसल, शहडोल जिले में पिछले 48 घंटों से लगातार बारिश हो रही है. कलेक्टर वंदना वैद्य ने 4 अगस्त को जिले में सभी स्कूल बंद करने का आदेश जारी कर दिया था.शहडोल जिले में दो दिन से हो रही बारिश ने आम लोगों का जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है.
शहरी इलाके की निचली बस्तियों में पानी भर गया है. ग्रामीण इलाकों की भी हालात बहुत ही बदतर है. जिले के सभी छोटे-बड़े नदी-नालों में पानी का उफान मार रहा है. पुल और रपटों के ऊपर से पानी बह रहा है,जिससे जिला मुख्यालय का कई गांवों से संपर्क टूट गया है.
गौरतलब है कि पिछले दिनों आदिवासी जिले शहडोल से सरकारी दावों की पोल खोलती 'खटिया एम्बुलेंस' की तस्वीर सामने आई थी. यहां सड़क न होने से प्रसूता को अस्पताल पहुंचाने के लिए परिजनों को 'खटिया एंबुलेंस' का सहारा लेना पड़ा था. हालांकि,उबड़-खाबड़ रास्तों के कारण प्रसूता अस्पताल नहीं पहुंच सकी और बीच में ही उसकी डिलीवरी हो गई. परिजनों ने इस घटना का वीडियो भी बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया था.
इसे भी पढ़ें: MP Politics: नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस को बताया ट्विटर और टीवी की पार्टी, छिंदवाड़ा में राम कथा पर दिया यह बयान