Madhya Pradesh News: टाइगर स्टेट मध्य प्रदेश में बाघ (Tiger) के शिकार का मामला सामने आया है. शहडोल जिले के जैतपुर वन परिक्षेत्र में एक बाघ का शिकार किया गया है. शिकारियों ने बाघ के नाखून, दांत और मूंछ निकाल कर उसके अवशेष को जला दिया, ताकि शिनाख्त न हो सके. इस मामले में अब वन विभाग ने 11 शिकारियों को पकड़ा है. वन मंडलाधिकारी दक्षिण शहडोल श्रद्धा पन्द्रे ने बताया, 'बाघ का शिकार करने वाले 11 ग्रामीणों को गिरफ्तार कर लिया गया है. उनके पास से शिकार में इस्तेमाल की गई वायर सहित बाघ के दांत, नाखून और मूंछ के बाल भी जब्त किए गए हैं.'
जानकारी के अनुसार, शहडोल जिले के जैतपुर वन परिक्षेत्र के लफदा बीट में किसान जंगली जानवरों के आतंक से परेशान थे. जंगली जानवरों से बचने के लिए किसानों ने अपने खेत मे तार लगा कर बिजली का करंट दौड़ा दिया था. इसी दौरान एक बाघ की करंट दौड़ रहे लोहे के तार में फंसने से मौत हो गई. इसके बाद किसानों ने मिलकर बाघ के बेशकीमती दांत, नाखून और मूंछ के बाल को निकाल कर रख लिया.
उन्होंने सबूत छिपाने के लिए बाघ के बाकी अवशेष को जला दिया. मामले की पड़ताल के दौरान वन विभाग की टीम ने बाघ के शिकार करने वाले 11 ग्रामीण शिकारी कमला सिंह, राम चरण सिंह, आनंद कुमार सिंह, विनोद सिंह, बाल सिंह, डीलन सिंह, राजू सिंह, सुशील सिंह, राम दास सिंह, रामखलेवन सिंह और जितेंद सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है.
डॉग स्क्वॉड की मदद से पकड़े गए आरोपी
घटना की जानकारी लगने पर वन विभाग ने डॉग स्क्वॉड की मदद से आरोपियों की तलाश शुरू की. 11 संदिग्ध आरोपियों को पकड़कर उनसे पूछताछ करने पर बाघ के मारने की घटना को कबूल किया गया. आरोपियों ने बताया कि बाघ को करंट से मारने के बाद जंगल में फेंक दिया था. उनकी निशानदेही पर शिकार में इस्तेमाल कटिया फंसाने का बांस, जीआईतार, बांस की खूंटी, कांच की बोतल, बाघ के मूंछ के बाल, मृत बाघ को हटाने में इस्तेमाल की गई सांगा (साल की बल्ली) और पुराने शिकार किए हुए जंगली सुअर के दांत बरामद किए गए हैं. इसके साथ आरोपियों की निशानदेही पर घटना स्थल की शिनाख्त कराई गई. वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 की अलग-अलग धाराओं में मामला दर्ज कर प्रकरण की जांच शुरू कर दी गई है.