Ujjain Sawari: तीनों लोकों के स्वामी और कालों के काल भगवान महाकाल प्राचीन काल से ही स्वयं प्रजा का हाल-चाल जानने के लिए पालकी में सवार होकर निकलते हैं. ये बात कम ही लोग जानते है कि ये सिलसिला सावन और भादौ में ही नहीं बल्कि कार्तिक और अगहन माह में भी जारी रहता है.


भगवान देंगे प्रजा को दर्शन


प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर की सवारी सावन और भादो के साथ कार्तिक और अगहन माह में भी निकाली जाती है. ये क्रम प्राचीन काल से चल रहा है. ऐसी मान्यता है कि जो लोग भगवान महाकाल के दर्शन करने के लिए मंदिर नहीं पहुंच पाते हैं, उन्हें राजाधिराज भगवान महाकाल स्वयं दर्शन देने के लिए पालकी में सवार होकर निकलते हैं. शाही ठाठ बाट के साथ भगवान महाकाल की सवारी सावन, भादो और कार्तिक-अहगन माह में निकलती है. इस बार कार्तिक और अगहन की 4 सवारियां है. पहली सवारी आज शाम निकलेगी.


चंद्रमौलेश्वर रूप में होंगे दर्शन


भगवान महाकाल की जब सवारी निकलती है तो भगवान अलग-अलग रूपों में दर्शन देते हैं. कभी मन महेश तो कभी उमा महेश तो कभी चंद्रमौलेश्वर रूप में भी दर्शन देते हैं. आज भगवान महाकाल चंद्रमौलेश्वर रूप में प्रजा को दर्शन देने के लिए निकलेंगे. इसके पहले राजाधिराज भगवान महाकाल की मंदिर परिसर में स्थित सभा मंडप में पूजा होगी.


सवारी के इंतजाम में कोई कमी नहीं


उज्जैन कलेक्टर और महाकालेश्वर मंदिर समिति के अध्यक्ष आशीष सिंह ने बताया कि जिस प्रकार से सावन और भादो में सवारी को लेकर इंतजाम किए जाते हैं, उसी तरह कार्तिक और अगहन में भी जिला प्रशासन, पुलिस विभाग और मंदिर समिति की ओर से इंतजाम रहते हैं. आज भी भगवान महाकाल की शाही ठाठ बाट के साथ सवारी निकलेगी.


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