Madhya Pradesh News: शाजापुर (Shajapur) के एक परिवार से गाय का ऐसा लगाव हो गया कि जब गाय ने अंतिम सांस ली तो उसकी विदाई के लिए पूरे परिवार ने एकत्रित होकर दुख जताया. इतना ही नहीं गाय को अंतिम विदाई देने से पहले 100 साड़ी भी ओढ़ाई गई. 


20 साल से परिवार के साथ थी गाय
शाजापुर के रहने वाले भंवर सिंह खींची ने 20 साल पहले गाय का पालन पोषण करते हुए उसका नाम रानू रखा था. रानू गाय से उनके परिवार का 20 साल का गहरा नाता रहा है. इस दौरान परिवार के सभी सदस्य रानू गाय को लेकर हमेशा संवेदनशील रहे. जब मंगलवार को रानू गाय ने बीमारी के चलते अंतिम सांस ली तो पूरा परिवार गमगीन हो गया. रानू गाय को अंतिम विदाई देने के लिए पूरे परिवार ने एकत्रित होकर दुख जताया.






100 साड़ी ओढ़ाकर दी गई अंतिम विदाई
परिवार के लोगों का कहना था कि रानू गाय का दर्जा उनके परिवार में मां से कम नहीं था. इसलिए मां की अंतिम विदाई के लिए पूरे परिवार को एकत्रित होना पड़ा. इसके अलावा इलाके के लोगों ने भी दुख संवेदना प्रकट की. इस दौरान रानू गाय को साड़ियां भी चढ़ाई गई. सभी रिश्तेदारों ने लगभग 100 साड़ी ओढ़ाकर रानू गाय को अंतिम विदाई दी. यह नजारा देखकर लोग भी अचंभित रह गए.


बैंड बाजे के साथ निकली अंतिम यात्रा
जब रानू गाय को अंतिम विदाई दी गई तो उस समय बड़ी संख्या में इलाके के लोग मौजूद रहे. बैंड बाजे के साथ रानू गाय को अंतिम विदाई दी गई. लोगों ने भी बताया कि परिवार का इस गाय से काफी लगाव था. वे हर मौसम में गाय का विशेष ध्यान रखते थे. उसका मेडिकल परीक्षण भी समय पर होता था. लोगों के मुताबिक खींची परिवार में गाय का दर्जा मां से कम नहीं था इसीलिए उन्होंने अंतिम विदाई में भी कोई कसर नहीं छोड़ी. 


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