MP News: मध्य प्रदेश के युवाओं को धर्म-संस्कृति से जोड़ेगी युवाओं की 'शंकर सेना', सीएम शिवराज ने रखा नाम
MP News: मध्य प्रदेश में तैयार हो रही है शिवराज की शंकर सेना की. आचार्य शंकर न्यास इस युवा सेना को तैयार कर रहे हैं. शंकर सेना का मकसद है प्रदेश के युवाओं को आध्यात्मिक और बौद्धिक तौर पर मजबूती देना.
Shankar Sena: मध्य प्रदेश की युवा पीढ़ी को धर्म, आध्यात्मक और संस्कृति से जोड़ने के लिए एमपी में शंकर सेना तैयार हो रही है. शंकर सेना को तैयार करने में आचार्य शंकर न्यास अहम भूमिका निभा रहे हैं. युवाओं की इस टोली को 'शंकर सेना' नाम प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने दिया है. बता दें शंकर सेना कोई युद्ध नहीं लड़ेगी और न ही आम लोगों की सुरक्षा के लिए तैयार की जा रही है, बल्कि यह सेना आध्यात्मिक और बौद्धिक युद्ध लड़ने की तैयारी कर रही है. इस सेना का काम नई पीढ़ी को आध्यात्मक और बौद्धिक रूप से तैयार करना है.
शंकर सेना में शामिल हैं 50 युवा
मध्य प्रदेश में स्थापित आचार्य शंकराचार्य न्यास के अंतर्गत विभिन्न प्रकार की गतिविधियां संचालित की जा रही हैं. इन गतिविधियों में से ही एक गतिविधि चयनित युवाओं को देशभर में मौजूद आध्यात्मिक, सांस्कृतक और धार्मिक इतिहास की जानकारी देकर उन्हें बौद्धिक तौर पर मजबूत बनाना है. इसके लिए साल भर में एक बार देश भर के चयनित 50 युवाओं को देश के किसी भी कौने में ले जाकर उन्हें वहां की धार्मिक, प्राचीन जगहों से परिचय कराया जाता है.
इसके अलावा, खेल-खेल में सनातन धर्म की जानकारी भी दी जाती है. इन युवाओं को इस तरह से प्रशिक्षित किया जा रहा है कि वह भविष्य में आध्यात्मिक और धार्मिक स्तर पर बौद्धिकता के आधार पर सार्थक बहस कर सकें.
सोशल मीडिया पर रहेंगे एक्टिव
शंकर सेना में शामिल युवा सोशल मीडिया पर एक्टिव रहेंगे. यह युवा सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्मों का सुदपयोग करते हुए भारत की आध्यात्मिक, धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहरों पर पोस्ट लिखेंगे, जिससे की इनसे जुड़े अन्य युवा इन विषयों पर अपनी समझ बढ़ा सकें.
सीएम शिवराज ने दिया शंकर सेना नाम
बता दें हाल ही इन युवाओं का एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था, इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी शामिल हुए थे. उस समय इन गतिविधियों के बारे में जानकारी प्राप्त करने के बाद मुख्यमंत्री ने अचानक ही कहा कि यह मेरी शंकर सेना तैयार हो रही है. बस यही से इस युवाओं के समूह का नाम शंकर सेना पड़ गया. हालांकि दस्तावेजों में कही भी शंकर सेना नाम का उपयोग नहीं किया जाता है, लेकिन बोलचाल में इस समूह को शंकर सेना ही कहते हैं. यह शंकर सेना मध्यप्रदेश के युवाओं को धर्म, संस्कृति और अध्यात्मक से जोडऩे का काम करेगी.
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